'टेस्ट क्रिकेट अलग मानसिकता मांगता है. इतने बदलावों और इतने ऑलराउंडर्स के साथ आप स्थिर टीम नहीं बना सकते हैं. पिछले 6–8 महीनों में विराट कोहली, अश्विन, पुजारा और रोहित शर्मा जैसे दिग्गज रिटायर हुए हैं, और इतनी बड़ी जगह भरने के लिए साफ योजना होनी चाहिए.'
ये शब्द टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और हेड कोच अनिल कुंबले के हैं. केवल कुंबले ही नहीं , कई दिग्गज क्रिकेटर्स ने टीम इंडिया के मैनेजमेंट और खासकर गौतम गंभीर को आड़े हाथों लिया है.
साउथ अफ्रीका से 0-2 की टेस्ट सीरीज हार के बाद टीम इंडिया के एप्रोच टीम सेलेक्शन और लगातार ऑलराउंडर्स पर निर्भरता को लेकर पूर्व खिलाड़ियों ने कड़ी आलोचना की है. गुवाहाटी में दूसरे टेस्ट में भारत को 408 रनों से हार मिली, जो टेस्ट इतिहास में रनों के लिहाज से भारत की सबसे बड़ी हार है. इस हार पर तमाम दिग्गज क्रिकेटर्स ने गौतम गंभीर पर सवाल उठाए हैं. इनमें अनिल कुंबले, वेंकटेश प्रसाद और केविन पीटरसन शामिल रहे.
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और हेड कोच रहे अनिल कुंबले ने कोच गौतम गंभीर की रणनीति पर बड़े सवाल उठाए हैं. कुंबले ने कहा कि गंभीर की कोचिंग में टीम बहुत ज्यादा बदलाव कर रही है. हर मैच में नए खिलाड़ी, बार-बार बैटिंग ऑर्डर बदलना, हर पोजीशन पर ऑलराउंडर खिलाने की कोशिश हो रही है.
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उन्होंने याद दिलाया कि गंभीर के दौर में भारत ने पिछले साल न्यूजीलैंड से घर में 0-3 से सीरीज हारी, ऑस्ट्रेलिया के हाथों बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी गंवाई और अब 25 साल में पहली बार घर में साउथ अफ्रीका से भी सीरीज हार गया.
South Africa win the 2nd Test by 408 runs.
— BCCI (@BCCI) November 26, 2025
They also clinch the #INDvSA Test Series by 2-0.
Scorecard ▶️ https://t.co/Hu11cnrocG#TeamIndia | @IDFCFIRSTBank pic.twitter.com/NBSFW4xtxP
कुंबले ने कहा- टीम में अनुभव और नए खिलाड़ियों का संतुलन पूरी तरह बिगड़ गया है. आप पूरी टीम को एक साथ डेवलप होने के लिए नहीं छोड़ सकते, 8-9 अनुभवी खिलाड़ी हों तो 1-2 नए खिलाड़ी ठीक हैं, लेकिन यहां हालात बिल्कुल उलट हैं..
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पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने X पर तड़ातड़ कई पोस्ट लिखे. पहले पोस्ट में लिखा- भारत का टेस्ट क्रिकेट तरीका समझ से बाहर है. ऑलराउंडर को जो पागलपन है, वह ब्रेन-फेड है, खासकर जब उन्हें गेंदबाजी भी नहीं कराते. बहुत खराब रणनीति, खराब स्किल, खराब बॉडी लैंग्वेज, और 2 टेस्ट सीरीज का लगातार घर में व्हाइटवॉश. भारत टेस्ट क्रिकेट में जिस तरह खेल रहा है, बहुत निराशाजनक है, ऑलराउंडर obsession पूरी तरह ब्रेन-फेड है, खासकर जब उन्हें गेंदबाजी ही नहीं करवाई जाती है.
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प्रसाद ने दूसरे पोस्ट में घरेलू क्रिकेट की अनदेखी पर भी गुस्सा जताया. उन्होंने लिखा- टेस्ट क्रिकेट के लिए स्पेशलिस्ट चाहिए. खिलाड़ियों का चयन रणजी और दलीप ट्रॉफी के आधार पर होना चाहिए, न कि IPL पर. उन्होंने कई ऐसे घरेलू खिलाड़ियों के नाम गिनाए, जिन्हें वह टेस्ट क्रिकेट के लायक मानते हैं लेकिन IPL न खेलने के कारण चर्चा में नहीं आते हैं. इनमें यश राठौड़, शुभम शर्मा, बाबा इंद्रजीत, स्मरण रविचंद्रन शामिल हैं. प्रसाद का कहना है कि ऐसे खिलाड़ी लगातार रन बना रहे हैं और उन्हें मौका मिलना चाहिए. IPL प्रदर्शन पर 40 से कम औसत वाले खिलाड़ियों का चयन गलत है.
प्रसाद ने टीम चयन की मौजूदा नीति पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा- IPL की वजह से फर्स्ट क्लास औसत 40 से कम वाले खिलाड़ियों को टेस्ट टीम में नहीं खिलाया जा सकता है . उन्होंने चेतावनी दी कि भारतीय कंडीशन में सिर्फ इसलिए ऑलराउंडर खिलाना कि वह कुछ रन बना सकता है, टेस्ट क्रिकेट की असली जरूरत नहीं है. प्रसाद ने कहा- टेस्ट क्रिकेट स्पेशलिस्ट मांगता है, हम सब भारतीय क्रिकेट से प्यार करते हैं, और जो हो रहा है उसे देखकर दुख होता है.
Really disappointed by how India is going about in Test cricket. The all-rounder obsession is absolute brain-fade especially when you don’t bowl them.
— Venkatesh Prasad (@venkateshprasad) November 26, 2025
Rank Poor tactics, poor skills , poor body language and an unprecedented 2 series white wash at home. Hope this does not get…
Need to play specialists and players need to be picked on the basis of Ranji, Duleep Trophy in domestic cricket. Can pick in 50 overs based on IPL performance, but for Test cricket, Ranji and Duleep trophy have to be the barometer.
— Venkatesh Prasad (@venkateshprasad) November 26, 2025
Yash Rathod, Shubham Sharma, Baba Indrajith ,…
Can’t play sub 40 FC avg players in the Test team based on IPL performances.
— Venkatesh Prasad (@venkateshprasad) November 26, 2025
Playing all rounder in Indian conditions because he can bat is not the correct approach in Test cricket. Test Cricket needs specialists. We all love Indian cricket and it’s sad to see what’s happening…
केविन पीटरसन भी भारत की इस हार से हैरान दिखे, उन्होंने तंज भरे अंदाज में लिखा- भारत घर में कभी नहीं हारता था. पूर्व इंग्लिश कप्तान पीटरसन ने लिखा, भारत घर में कभी नहीं हारता, पिछले दो साल में टेस्ट क्रिकेट में ऐसा क्या हो गया है?
India NEVER loses at home, unless some very good players come and play some special knocks in Mumbai…🤣🤣
What’s happened to India in the last couple years in Test Cricket? 🏏
— Kevin Pietersen🦏 (@KP24) November 26, 2025
इरफान पठान भी भारत की इस हार पर निराश दिखे . उन्होंने कहा कि भारतीय बल्लेबाजों की तकनीक कमजोर दिखी. भारतीय बल्लेबाज न स्पिन खेल पाए, न धैर्य दिखा पाए, साउथ अफ्रीका ने हर विभाग में हमें मात दी.
Disappointing display of patience & technique from Indian batters. Need to get players in the test team who can play spin better.
— Irfan Pathan (@IrfanPathan) November 26, 2025
साउथ अफ्रीका ने भारत को गुवाहाटी टेस्ट में 408 रनों के भारी अंतर से हरा दिया. भारत को 549 रनों का टारगेट मिला था. लेकिन मैच के पांचवें दिन बुधवार को भारतीय टीम 140 रन ही बना सकी. इस तरह भारतीय टीम को 408 रनों से हार मिली. जो उसकी टेस्ट क्रिकेट में रनों के लिहाज से सबसे बड़ी हार रही. इससे पहले 2004 (नागपुर टेस्ट) में भारत को ऑस्ट्रेलिया ने 342 रनों से मात दी थी.
इस तरह साउथ अफ्रीका की टीम ने सीरीज में 2-0 से व्हाइटवॉश भी किया. टेम्बा बावुमा की कप्तानी वाली साउथ अफ्रीकी टीम ने मेहमान टीम ने पहली पारी में 489 रन बनाए और दूसरी पारी में 260/5d पर पारी घोषित कर दी. इसके बाद भारत के सामने 549 रन का विशाल लक्ष्य था.