पहले देश, फिर खेल. ऐसा नहीं हो सकता कि सीमा पर लड़ाई हो, दोनों देशों (भारत-पाकिस्तान) के बीच तनाव हो, और हम जाकर क्रिकेट (एशिया कप 2025) खेलें, जब तक ये बड़े मुद्दे हल नहीं होते, तब तक क्रिकेट बहुत छोटी बात है, देश हमेशा सबसे पहले आता है. ये बयान हरभजन सिंह का है, जो उन्होंने एशिया कप में भारत की भागीदारी को लेकर दिया है. कुल मिलाकर भज्जी बिल्कुल भी नहीं चाहते कि टीम इंडिया एशिया कप 2025 में जाकर खेले.
हरभजन वर्ल्ड चैम्पियनशिप ऑफ लीजेंड्स (WCL) का हिस्सा थे, जहां इंडिया चैम्पियंस टीम ने ग्रुप स्टेज और सेमीफाइनल दोनों में पाकिस्तान चैम्पियंस के खिलाफ खेलने से इनकार किया. भज्जी के इस फैसले में शिखर धवन, युवराज सिंह, इरफान पठान, सुरेश रैना और यूसुफ पठान भी शामिल थे. यह फैसला पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद लिया गया था. हरभजन ने कहा कि 'देश सबसे पहले' है.
ऐसे में एक बार फिर एशिया कप को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस बार यह टूर्नामेंट हो पाएगा या नहीं. एशिया कप में पहले भी टीमें टूर्नामेंट का बायकॉट कर चुकी हैं. 1986 में भारत और 1990 में पाकिस्तान ने ऐसा किया था. आइए बताते हैं उसकी पूरी कहानी...
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वैसे एशिया कप की शुरुआत 1984 में हुई थी. तब भारत ने इस टूर्नामेंट को जीता था. 2016 और 2022 में टूर्नामेंट टी20 फॉर्मेट में हुआ है. भारतीय टीम ने इसे सबसे ज्यादा 8 बार जीता है, वहीं श्रीलंका ने इसे 6 बार अपने नाम किया है. 2023 में आखिरी बार इसे भारतीय टीम ने रोहित शर्मा की कप्तानी में जीता था.
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— AsianCricketCouncil (@ACCMedia1) September 17, 2023
1986 में एशिया कप से भारत ने नाम क्यों वापस लिया?
1986 में एशिया कप टूर्नामेंट का दूसरा एडिशन श्रीलंका में हुआ. भारत ने इसमें हिस्सा नहीं लिया. 1986 एशिया कप ही इकलौता मौका था जब टीम इंडिया ने यह टूर्नामेंट नहीं खेला. साल 1983 से सरकार और अलगाववादी संगठन लिट्टे (LTTE) के बीच चल रहे गृहयुद्ध के कारण हालात बिगड़ गए थे.
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खिलाड़ियों की सुरक्षा को देखते हुए भारतीय सरकार ने बीसीसीआई को टीम भेजने से मना कर दिया. यह फैसला राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील था, क्योंकि उस समय भारत और श्रीलंका के रिश्ते नाजुक दौर में थे. तब इस टूर्नामेंट में श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश खेले थे और ट्रॉफी को मेजबान देश ने जीता था.
1990 में पाकिस्तान ने एशिया कप से नाम वापस क्यों लिया?
टूर्नामेंट का चौथा सीजन 1990–91 में भारत में हुआ. पाकिस्तान ने तब भारत के साथ खराब राजनीतिक रिश्तों के कारण इसमें हिस्सा नहीं लिया. फाइनल में भारत ने श्रीलंका को हराकर एशिया कप जीता.
1993 में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते टूर्नामेंट रद्द कर दिया गया था. 1990-91 एशिया कप एक राउंड-रॉबिन टूर्नामेंट था जिसमें प्रत्येक टीम एक-दूसरे से एक-एक बार खेलती थी, और टॉप दो टीमों ने फाइनल में जगह बनाई. भारत और श्रीलंका फाइनल के लिए क्वालिफाई किया, जहां भारत ने श्रीलंका को 7 विकेट से हराकर लगातार दूसरा (और कुल मिलाकर तीसरा) एशिया कप जीता.