ग्रेटर नोएडा में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट मैच के दूसरे दिन भी खेल नहीं हो पाया और स्टंप्स की घोषणा कर दी गई. हद तो यह रही कि गीली आउटफील्ड के लिए कई तरह की जुगाड़ तक लगाई गई, इसके बाद भी यह मुकाबला शुरू नहीं हो पाया है.
अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच ग्रेटर नोएडा के शहीद विजय सिंह पथिक खेल परिसर में घटिया जल निकासी, गीली आउटफील्ड और दयनीय सुविधाओं के कारण ऐतिहासिक एकमात्र टेस्ट मैच दूसरे दिन भी शुरू नहीं हो पाया है. पहला दिन एक भी गेंद फेंके बिना रद्द कर दिया गया था.

उम्मीद थी कि अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच यह ऐतिहासिक टेस्ट होगा. लेकिन यह खिलाड़ियों के लिए अब तक निराशाजनक साबित हुआ है. अफगान खिलाड़ी निराश हैं, जबकि न्यूजीलैंड के खिलाड़ी स्टेडियम की स्थिति देखकर हैरान हैं. आयोजक अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच एकमात्र टेस्ट के लिए बुनियादी सुविधाएं मुहैया नहीं करा पाए हैं.
गीले आउटफील्ड के कारण पूरा दिन धुल जाने के बाद, ग्राउंड स्टाफ ने मिड-ऑन के पास दो से तीन फीट की खुदाई की. उन्होंने प्रभावित क्षेत्र पर सूखी मिट्टी और कृत्रिम घास लगाने की कोशिश की, लेकिन यह तैयार नहीं दिख रहा था. पूरा आउटफील्ड इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए उपयुक्त नहीं दिख रहा है, क्योंकि यह कीचड़ से भरा है. इससे खिलाड़ियों को चोट लगने का खतरा हो सकता है, भले ही खेल को संभव बनाने के लिए अस्थायी व्यवस्था की गई हो.
Sad to see that the toss has been delayed.
— Nitin K Srivastav (@Nitin_sachin) September 10, 2024
This is how you prepare for a test match? @ICC @ACBofficials @BLACKCAPS
What is happening on the ground
Yesterday it’s rained for around 2 hours in break. pic.twitter.com/bUspWvsQDc
मैच के लिए तैयार नहीं थे आयोजक....
'आजतक' को जो जानकारी है, उसके मुताबिक- ग्राउंड स्टाफ में 20-25 सदस्य हैं और 15 आउटसोर्स हैं. मैदान में पांच सुपर सोपर हैं जिनमें दो ऑटोमैटिक और तीन मैनुअल हैं. यहां तक कि कवर और पंखा भी टेंट हाउस से किराए पर लिया गया है.
यह स्पष्ट है आयोजक बारिश के लिए तैयार नहीं थे, उनके पास पूरे मैदान को कवर करने के लिए बुनियादी संसाधनों की कमी थी. दोनों टीमों के खिलाड़ी परिस्थितियों को देखकर इतने आश्वस्त थे कि वे दूसरे दिन होटल में ही रुके रहे.
इस लापरवाही भरे रवैये के कारण आयोजन स्थल के लिए बुरी खबर आ सकती है. इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) इस मैदान को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के लिए अनफिट मान सकती है. स्टेडियम में कैटरर्स को अपने बर्तन धोने और खाना बनाने के लिए वॉशरूम के नल के पानी का इस्तेमाल करते देखा गया. स्टेडियम में हाइजीन की सिचुएशन ने भी सवाल खड़े किए है. वहीं अफ़गानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने भी मिस मैनेजमेंट की पुष्टि की है.
अनुवभहीन मैदानी कर्मचारियों के कारण हुई दिक्कत...
दोनों देशों के बीच पहले टेस्ट की तैयारी बारिश से प्रभावित हुई थी और न्यूजीलैंड एक भी अभ्यास सत्र ठीक से पूरा नहीं कर पाया था.रविवार रात हुई बूंदाबांदी के अलावा सोमवार को पूरे दिन बारिश नहीं हुई, लेकिन आधुनिक सुविधाओं की कमी के कारण अनुभवहीन मैदानकर्मियों को मैदान तैयार करने में संघर्ष करना पड़ा.
Artificial grass patches now being brought in to try and repair the patches at mid on. It is truly becoming a farce. #afg pic.twitter.com/mT2Z3k56tI
— Siddharth Viswanathan (@VishySid84) September 10, 2024
लेकिन मिड-ऑन और मिड विकेट चिंता का विषय है, जबकि 30 गज के घेरे के अंदर भी कई पैच दिखे.मैदानकर्मियों ने मैदान को सुखाने के लिए टेबल फैन का इस्तेमाल किया. आधुनिक सुविधाओं की कमी मैदान के बाहर तक फैली हुई थी जिससे पिच के बाहर के संचालन पर असर पड़ा. पीने के पानी की कमी, बिजली की आपूर्ति और महिला शौचालय तक की कमी दिखी.
WTC का हिस्सा नहीं है टेस्ट मैच...
यह टेस्ट वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) का हिस्सा नहीं है, लेकिन यह आईसीसी से संबद्ध है. ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा चलाए जा रहे इस स्टेडियम ने 2016 में गुलाबी गेंद के दलीप ट्रॉफी मैच की मेजबानी की थी. हालांकि कॉरपोरेट मैचों के दौरान मैच फिक्सिंग के कारण सितंबर 2017 में बीसीसीआई ने इसे प्रतिबंधित कर दिया था. तब से यहां बीसीसीआई से संबद्ध कोई भी मैच आयोजित नहीं किया गया है.
स्टेडियम पहले अफगानिस्तान के लिए घरेलू मैदान के रूप में काम कर चुका है. हालांकि यह स्टेडियम उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के अंतर्गत नहीं आता है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला इस मामले को सुलझा पाते हैं या नहीं.