पृथ्वी पर जीवन कैसे शुरू हुआ? यह सवाल सदियों से वैज्ञानिकों को परेशान करता रहा है. अब नासा और जापान की स्पेस एजेंसी की नई खोज ने एक पुरानी थ्योरी को नई जिंदगी दे दी है.
यह थ्योरी कहती है कि जीवन पृथ्वी पर खुद पैदा नहीं हुआ, बल्कि अंतरिक्ष से आया. इसका नाम है पैनस्पर्मिया.
जनवरी 2025 में OSIRIS-REX मिशन से लाई गई एक 20 अरब साल पुरानी क्षुद्रग्रह बेनू की चट्टान ने यह साबित करने वाले सबूत दिए हैं. इसमें जीवन के 20 में से 14 महत्वपूर्ण अमीनो एसिड हैं, जो पृथ्वी के जीवों में इस्तेमाल होते हैं. साथ ही, डीएनए और आरएनए के पूर्वज केमिकल भी मिले.
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बेनू एक कार्बन से भरपूर एस्टेरॉयड है. यह सौर मंडल के शुरुआती दिनों का अवशेष है- जब सूर्य और ग्रह बन रहे थे. नासा का OSIRIS-REX मिशन 2020 में बेनू पर पहुंचा. 2023 में यह चट्टान के छोटे-छोटे टुकड़े (करीब 121 ग्राम) पृथ्वी पर लाया. ये टुकड़े बेनू के अंदर बंद थे, जो पृथ्वी के बनने से पहले के हैं. यानी ये 20 अरब साल पुराने हैं.

वैज्ञानिकों ने इनकी जांच की. चट्टान में 20 अमीनो एसिड में से 14 मिले. अमीनो एसिड प्रोटीन के बिल्डिंग ब्लॉक हैं, जो जीवन की बुनियाद हैं. डीएनए और आरएनए के केमिकल पूर्वज-जो आनुवंशिक कोड बनाते हैं, वो भी पाए गए. ये केमिकल इतने साफ-सुथरे थे, जैसे कभी छुए न गए हों. यह खोज जनवरी 2025 में कन्फर्म हुई. वैज्ञानिक कहते हैं, बेनू जैसे एस्टेरॉयड ने जीवन के बीज बोए.
पैनस्पर्मिया का मतलब है 'सभी से बीज'. यह थ्योरी कहती है कि जीवन के कच्चे माल- जैसे अमीनो एसिड और कार्बनिक यौगिक- अंतरिक्ष से आए. इन्हें धूमकेतु या क्षुद्रग्रहों ने पृथ्वी पर गिराया.
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कल्पना कीजिए: पृथ्वी अपनी जन्म की आग से ठंडी हो रही है. तब धूमकेतु और एस्टेरॉयड जो स्थिर कार्बनिक रसायनों से लबालब हैं, जोरदार टक्कर मारते हैं. ये टक्करें रसायनों के बीज बोती हैं, जो बाद में जटिल जीवन बनाते हैं.
इस थ्योरी को जीवित जीवों की जरूरत नहीं. बस मजबूत अणु चाहिए, जो किसी भी रहने लायक दुनिया पर जीवन चालू कर सकें. बेनू की चट्टान ने इसे मजबूत किया.

पहले वैज्ञानिक शक करते थे: क्या नाजुक रसायन अंतरिक्ष की खाली जगह, वायुमंडल की जलन या टक्कर की गर्मी सह सकेंगे? लेकिन लैब टेस्ट और मिशन जैसे OSIRIS-REX ने साबित किया कि कई रसायन जीवित रह सकते हैं.
कई सालों से आलोचक कहते रहे कि अंतरिक्ष से जीवन आना नामुमकिन है. लेकिन अब सबूत मजबूत हैं. बेनू की चट्टान में मिले अमीनो एसिड पृथ्वी के जीवन से मिलते-जुलते हैं. ये रसायन बेनू के अंदर बंद थे, इसलिए बाहरी प्रदूषण से बच गए. वैज्ञानिकों ने स्पेक्ट्रोस्कोपी और अन्य टेस्ट से कन्फर्म किया.
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यह खोज बताती है कि ब्रह्मांड में जीवन के उपकरण हर जगह बिखरे हो सकते हैं. अगर बेनू जैसा एस्टेरॉयड जीवन का टूलकिट लाया, तो अन्य ग्रहों पर भी यही हो सकता है. मंगल, यूरोपा या टाइटन पर जीवन खोजने में यह मदद करेगा.

यह थ्योरी कहती है: जीवन पृथ्वी पर शुरू नहीं हुआ, बल्कि यहां इकट्ठा किया गया- अंतरिक्ष से इंपोर्ट हुआ है. कल्पना कीजिए, हमारी कोशिकाओं में अमीनो एसिड ब्रह्मांड के दूसरे कोने से आए. यह विचार रोमांचक है. लेकिन वैज्ञानिक कहते हैं, यह अभी थ्योरी है. और सबूत चाहिए.
नासा और जापान की एजेंसी अब और सैंपल जांच रही हैं. भविष्य के मिशन जैसे हैबल या जेम्स वेब टेलीस्कोप से और डेटा आएगा. अगर पैनस्पर्मिया सही साबित हुई, तो जीवन अकेला नहीं- यह ब्रह्मांड का सामान्य नियम है.