scorecardresearch
 

जब पोप फ्रांसिस ने धोए थे हिंदू, मुस्लिम और ईसाई शरणार्थियों के पैर... बोले थे, 'हम सब भाई हैं'

ईसाइयों के सबसे बड़े धर्म गुरु पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र में निधन हो गया है. पोप फ्रांसिस उनकी सादगी के लिए प्रसिद्ध थे. उन्होंने गरीबी, असमानता और आप्रवासियों के अधिकारों पर जोर दिया था. जब ब्रुसेल्स हमलों के बाद मुस्लिम विरोधी भावनाएं बढ़ गई थी, तब पोप फ्रांसिस ने भाईचारे का भाव प्रदर्शित करते हुए मुस्लिम, ईसाई और हिंदू शरणार्थियों के पैर धोकर चूमे थे.

Advertisement
X
Pope Francis washed feet of muslim and hindu migrants
Pope Francis washed feet of muslim and hindu migrants

ईसाइयों के सबसे बड़े धर्म गुरु पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र में निधन हो गया है. पोप फ्रांसिस का पूरा जीवन ईश्वर की सेवा में समर्पित रहा. उनका जन्म अर्जेंटीना में हुआ था और उनका असली नाम जॉर्ज मारियो बेर्गोलियो था. वे साल 2013 से पोप के पद पर थे. पोप फ्रांसिस अपनी सादगी के लिए प्रसिद्ध थे. उन्होंने गरीबी, असमानता और आप्रवासियों के अधिकारों पर जोर दिया था. 

हर धर्म का सम्मान करते थे पोप फ्रांसिस

जब ब्रुसेल्स हमलों के बाद मुस्लिम विरोधी भावनाएं बढ़ गई थीं, तब पोप फ्रांसिस ने भाईचारे का भाव प्रदर्शित करते हुए मुस्लिम, ईसाई और हिंदू शरणार्थियों के पैर धोकर चूमे थे और उन्हें एक ही ईश्वर की संतान घोषित किया था. 

पोप ने उस समय ये भी कहा था कि हमारी संस्कृतियां और धर्म अलग-अलग हैं, लेकिन हम भाई हैं और दुनिया में सभी लोगों को शांति से रहने का हक है. इतना ही नहीं पोप फ्रांसिस ने शरणार्थियों के सामने घुटने टेके, पीतल के घड़े से पवित्र जल उनके पैरों पर डाला, उन्हें पोंछा और चूमा. ये देखकर कई लोग रोने लगे थे. 

महिलाओं के हक के लिए भी लड़े थे पोप फ्रांसिस

वेटिकन के नियमों के अनुसार लंबे समय से केवल पुरुषों को ही पैर धोने की रस्म में भाग लेने की अनुमति थी और पिछले पोपों और कई पुजारियों ने पारंपरिक रूप से 12 कैथोलिक पुरुषों पर यह अनुष्ठान किया था. लेकिन पोप फ्रांसिस ने साल 2013 में अपने चुनाव के कुछ ही हफ्ते बाद एक किशोर हिरासत केंद्र में महिलाओं और मुसलमानों पर यह अनुष्ठान करके कई कैथोलिकों को चौंका दिया था. कई सालों तक नियमों का पूरी तरह उल्लंघन करने के बाद पोप फ्रांसिस ने जनवरी में नियमों में बदलाव करके महिलाओं और लड़कियों को इसमें भाग लेने की अनुमति दे दी थी. 

Advertisement

पोप फ्रांसिस का कहना था कि हिंदू, मुस्लिम और ईसाई सभी एक ही ईश्वर की संतान हैं. इसलिए हमें किसी भी इंसान के साथ गलत व्यवहार नहीं करना चाहिए. वहीं, धर्म के आधार पर किसी को प्रताड़ित करना पाप है और सभी को एक साथ मिल-जुलकर शांति से रहना चाहिए. 

पोप फ्रांसिस ने दुनिया को दी ये 5 सीख

1. पोप फ्रांसिस ने हमेशा जरूरतमंदों और गरीबों की मदद करने पर जोर दिया.
2. पोप फ्रांसिस ने हमेशा पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया. 
3. पोप फ्रांसिस ने सामाजिक न्याय और समानता के लिए कई काम किए. 
4. पोप फ्रांसिस का व्यवहार सभी के लिए काफी विनम्र था. उनका कहना था कि व्यक्ति को सभी से विनम्र भाव से बात करनी चाहिए. 
5. पोप फ्रांसिस शिक्षा को बहुत महत्व देते थे. इसलिए उन्होंने कई गरीब छात्रों को शिक्षित करने में मदद की थी. 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement