scorecardresearch
 

फिलीपींस के 'एशियन फ्रांसिस' हो सकते हैं अगले पोप, टॉप दावेदारों की लिस्ट में अहम नाम

अगर लुइस एंटोनियो टैगले निर्वाचित होते हैं, तो इससे दुनिया के 1.4 अरब कैथोलिक्स को यह संकेत भी मिलेगा कि कार्डिनल्स फ्रांसिस के नजरिए के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं, जिसमें चर्च को मॉडर्न वर्ल्ड के लिए खोलना शामिल है.

Advertisement
X
लुइस एंटोनियो टैगले (तस्वीर: रॉयटर्स)
लुइस एंटोनियो टैगले (तस्वीर: रॉयटर्स)

फिलिपिनो कार्डिनल लुइस एंटोनियो टैगले (Luis Antonio Tagle) को कभी-कभी उनकी शानदार मुस्कान, सहज हंसी और शब्दों के साथ सहजता की वजह से 'एशियन फ्रांसिस' कहा जाता है. अर्जेंटीना के दिवंगत पोप की तरह, वे यूरोप के कैथोलिक चर्च के पारंपरिक शक्ति आधार से दूर एक ऐसे देश से आते हैं और एक बाहरी व्यक्ति के नजरिए से रोम आए थे.

Advertisement

कुछ लोगों ने टैगले को अगले पोप के लिए अनऑफिशियल लिस्ट में शामिल किया है. लोगों का कहना है कि अगर बुधवार को सीक्रेट कॉन्क्लेव में प्रवेश करने वाले कार्डिनल इलेक्टर्स फ्रांसिस के प्रगतिशील नजरिए को आगे बढ़ाना चाहेंगे तो वे फ्रांसिस के उत्तराधिकारी के रूप में सबसे सही कैंडिडेट होंगे.

किसको चुनना चाहेंगे कैथोलिक्स?

अगर टैगले निर्वाचित होते हैं, तो इससे दुनिया के 1.4 अरब कैथोलिक्स को यह संकेत भी मिलेगा कि कार्डिनल्स फ्रांसिस के नजरिए के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं, जिसमें चर्च को मॉडर्न वर्ल्ड के लिए खोलना शामिल है. इसके अलावा, वे ऐसे शख्स को नहीं चुनेंगे, जो दिवंगत पोप के कुछ सुधारों को वापस ले सकता है.

इसका यह भी मतलब होगा कि उनके साथी कार्डिनल्स ने उनकी मैनेजमेंट क्वालिटीज पर सवालिया निशानों को नज़रअंदाज़ कर दिया है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: पोप बनने की 'ख्वाहिश' के बीच ट्रंप ने शेयर की अपनी AI फोटो, सोशल मीडिया पर मचा हंगामा

क्या कहते हैं पहले से जानने वाले लोग?

टैगले के पूर्व छात्र रेव. इमैनुएल अल्फोंसो कहते हैं, "वे पोप फ्रांसिस के लगातार होने वाले कामों का प्रतिनिधित्व करेंगे. गरीबों के लिए उनके प्यार, उनकी सुलभता और इसी तरह की अन्य बातों के मामले में एंटोनियो टैगले यकीनन पोप फ्रांसिस जैसे हैं."

टैगले की उम्र 67 साल है लेकिन वे कम उम्र के नजर आते हैं और अपने उपनाम 'चिटो' से पुकारे जाना पसंद करते हैं. वे पिछले पांच सालों से वेटिकन के इवेंजलाइजेशन के लिए डिकास्टरी के प्रमुख हैं, जो प्रभावी रूप से चर्च की मिशनरी ब्रांच है. इस पद से उन्हें विकासशील देशों में सुर्खियों में रहने का मौका दिया, जिससे उनका प्रभाव बढ़ा. 

मनीला के आर्कबिशप के रूप में और उससे पहले फिलीपीन शहर इमस के बिशप के रूप में, टैगले ने एशिया के सबसे बड़े कैथोलिक देश में धर्मप्रांतों को चलाने में पादरी की भूमिका निभाई. साल 2020 में वेटिकन लाकर, फ्रांसिस ने उन्हें पोप उम्मीदवारों के लिए मददगार माने जाने वाले अनुभवों में एक और पायदान दिया.

जब 2014 में टैगले ने फ्रांसिस की फिलीपींस यात्रा की मेजबानी की थी, तो इस यात्रा में पोप की यात्रा के इतिहास में सबसे बड़ी भीड़ जुटी थी, जिसमें एक सामूहिक प्रार्थना सभा भी शामिल थी. इस प्रार्थना में 7 मिलियन लोग शामिल हुए थे.

Live TV

Advertisement
Advertisement