6 अप्रैल को महानवमी पर कन्या पूजन के साथ ही चैत्र नवरात्र समाप्त हो जाएंगे. क्या आप जानते हैं कि नवरात्र की घटस्थापना में जिस कलश को माता की चौकी के पास स्थापित किया जाता है, नवरात्र के बाद उसका क्या किया जाता है. आइए आज आपको बताते हैं कि नवरात्र समाप्त होने के बाद इस कलश और उसमें रखे जल का क्या करना चाहिए.
कलश के जल का ऐसे करें इस्तेमाल
नवरात्र के बाद कलश के पानी को पूरे घर में छिड़क सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस जल को छिड़कने से घर की सारी नेगेटिव एनर्जी दूर होती है और घर में सकारात्मकता का संचार होता है. कलश के पानी छिड़कने से घर में सुख-शांत का वास होता है. हमेशा खुशहाली बनी रहती है.
घर में छिड़काव के अलावा आप इस जल को पवित्र तुलसी या किसी अन्य पौधे में भी डाल सकते हैं. आप इस जल को प्रसाद के रूप में थोड़ा पी भी सकते हैं इसे औषधीय माना जाता है.
नवरात्र के बाद कलश का क्या करें?
नवमी में पूजा हवन और कन्या पूजन के बाद नवमी या दशमी के दिन कलश विसर्जन किया जाता है. जिस तरह से कलश को नियम और शुभ मुहूर्त के साथ स्थापित किया जाता है ठीक उसी तरह से कलश विसर्जन के भी नियम है. पूरे नौ दिनों तक कलश को रखा जाता है. नवरात्र समाप्त के बाद आप शुभ मुहूर्त में कलश का विसर्जन करें. कलश विसर्जन के समय मां दुर्गा के चरणों को स्पर्श करें. इसके बाद कलश को थोड़ा सा हिलाते हुए उठाएं.
कलश उठाने के बाद उसके जल को पूरे घर में छिड़क दें, जिससे घर की नकारात्मक शक्तियों का नाश हो सके और घर में खुशहाली और समृद्धि आए. इसके बाद कलश को बहते जल में विसर्जित कर दें.
अगर आपका कलश तांबा, पीतल या चांदी का है तो इसके पानी को विसर्जन करके कलश को वापस ले आएं घर में इसे साफ करके आप अगली नवरात्र पूजा के लिए रख लें.