scorecardresearch
 

Dev Diwali 2025: देव दिवाली पर आज शाम इतने बजे से शुरू होगा पूजा का मुहूर्त, मिस ना हो टाइमिंग

Dev Diwali 2025: देव दिवाली का पर्व हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इस त्योहार का पूजन और दीप दान प्रदोष काल में किया जाता है. तो चलिए जानते हैं कि आज शाम कितने बजे से दीपक जलाने का मुहूर्त शुरू होगा.

Advertisement
X
देव दीपावली पर आज शाम इतने बजे से शुरू होगा पूजा का मुहूर्त (Photo: Getty Image)
देव दीपावली पर आज शाम इतने बजे से शुरू होगा पूजा का मुहूर्त (Photo: Getty Image)

Dev Diwali 2025: आज देव दिवाली का पर्व मनाया जा रहा है. देव दिवाली का त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और भगवान शिव की पूजा का विधान बताया गया है. देव दिवाली को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस दिन भगवान शिव त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था. तो आइए जानते हैं कि देव दिवाली पर आज शाम कितने बजे दीप दान और पूजन का मुहूर्त शुरू होगा. 

देव दिवाली पर ये रहेगा शाम का शुभ मुहूर्त (Dev Diwali 2025 Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, देव दिवाली के दिन दीप दान, भगवान शिव, भगवान विष्णु और अन्य देवताओं का पूजन प्रदोष काल में किया जाता है. जिसका मुहूर्त आज शाम 5 बजकर 15 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. 

इसके अलावा, गोधूली मुहूर्त शाम 5 बजकर 33 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 59 मिनट तक रहेगा, इसमें भी पूजन किया जा सकता है.

देव दिवाली पर कैसे किया जाता है दीपदान?

देव दिवाली के दिन दीपदान करना बेहद शुभ और पवित्र माना जाता है. इस दिन भगवान शिव और विष्णु की विशेष पूजा के साथ दीप जलाने की परंपरा होती है. सूर्यास्त के समय दीपक जलाने की शुरुआत होती है, क्योंकि माना जाता है कि उस समय वातावरण में देव ऊर्जा सबसे अधिक होती है.  

Advertisement

इस दिन वाराणसी, प्रयागराज, हरिद्वार और नासिक जैसे पवित्र स्थलों पर गंगा तट पर हजारों दीए जलाए जाते हैं. जो लोग घर पर ही देव दिवाली मना रहे हैं, वे दीपकों की पंक्तियां लगाकर भगवान शिव और विष्णु को अर्पित कर सकते हैं. मान्यता है कि इस दिन किया गया दीपदान पापों से मुक्ति दिलाता है और सौभाग्य, धन और मोक्ष की प्राप्ति होती है. 

इन स्थानों पर जलाएं दीप

देव दिवाली के दिन दीपक जलाने के लिए घी या तिल के तेल का उपयोग करना शुभ माना गया है. सबसे पहले घर के मुख्य द्वार, आंगन, मंदिर, बालकनी, छत और तुलसी के पौधे के पास दीप जलाया जाता है. यदि संभव हो तो पास की किसी नदी या तालाब के किनारे भी दीप प्रवाहित किए जा सकते हैं, इसे सबसे पुण्यदायक माना गया है

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement