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Lohri 2020: क्यों मनाई जाती है लोहड़ी? क्या है दुल्ला-भट्टी की कहानी

Lohri 2020: लोहड़ी पर पंजाब में नई फसल की पूजा करने की परंपरा है. इस दिन चौराहों पर लोहड़ी जलाई जाती है. इस दिन पुरुष आग के पास भांगड़ा करते हैं, वहीं महिलाएं गिद्दा करती हैं.  इस दिन तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी और मूंगफली का भी खास महत्व होता है.

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Lohri 2020: लोहड़ी पर होता है भांगड़ा-गिद्दा
Lohri 2020: लोहड़ी पर होता है भांगड़ा-गिद्दा

Lohri 2020: मकर संक्रांति से पहले लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है. लोहड़ी पंजाबियों का मुख्य त्योहार है इसलिए इसकी सबसे ज्यादा धूम पंजाब और हरियाणा में देखने को मिलती है. लोहड़ी के दिन अग्नि में तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी और मूंगफली चढ़ाई जाती हैं. देश भर में 13 जनवरी को लोहड़ी का त्योहार मनाया जा रहा है.

क्यों मनाया जाता है लोहड़ी का त्योहार?

पारंपरिक तौर पर लोहड़ी फसल की बुआई और उसकी कटाई से जुड़ा एक विशेष त्यौहार है. इस अवसर पर पंजाब में नई फसल की पूजा करने की परंपरा है. इस दिन चौराहों पर लोहड़ी जलाई जाती है. इस दिन पुरुष आग के पास भांगड़ा करते हैं, वहीं महिलाएं गिद्दा करती हैं. इस दिन सभी रिश्तेदार एक साथ मिलकर डांस करते हुए बहुत धूम-धाम से लोहड़ी का जश्न मनाते हैं. इस दिन तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी और मूंगफली का भी खास महत्व होता है. कई जगहों पर लोहड़ी को तिलोड़ी भी कहा जाता है.

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लोहड़ी पर सुनते हैं दुल्ला भट्टी की कहानी

लोहड़ी के दिन अलाव जलाकर उसके इर्दगिर्द डांस किया जाता है. इसके साथ ही इस दिन आग के पास घेरा बनाकर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनी जाती है. लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनने का खास महत्व होता है. मान्यता है कि मुगल काल में अकबर के समय में दुल्ला भट्टी नाम का एक शख्स पंजाब में रहता था. उस समय कुछ अमीर व्यापारी सामान की जगह शहर की लड़कियों को बेचा करते थे, तब दुल्ला भट्टी ने उन लड़कियों को बचाकर उनकी शादी करवाई थी. तब से हर साल लोहड़ी के पर्व पर दुल्ला भट्टी की याद में उनकी कहानी सुनाने की पंरापरा चली आ रही है.

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