नेपाल में Gen Z युवाओं द्वारा किए गए आंदोलन ने केवल 30 घंटों में सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया, लेकिन अब आंदोलनकारी अंतरिम प्रधानमंत्री के नाम पर विभाजित हो गए हैं. सुशीला कार्की और कुलमान घिसिंग जैसे नामों पर बहस जारी है, जिससे आंदोलनकारियों के बीच आपसी टकराव और हाथापाई की नौबत आ गई है. इस आंदोलन को संगठित करने और हिंसा भड़काने के लिए Discord जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कमांड सेंटर के रूप में किया गया.