सरकारें जनता से कहती हैं-ईमानदारी से टैक्स भरिए अगर विकास चाहिए. फिर हर साल बारिश आती है. जो टैक्स के बदले विकास के दावों पर पानी ही नहीं फेरती बल्कि दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, जयपुर समेत कई बड़े महानगरों और शहरों में सरकारी दावों को डुबा देती है. आज दस्तक उन्हीं सवालों पर कि टैक्स भरने के बाद भी क्यों डूब रहे सरकारी दावे?