अब सम्राट चौधरी भी 'योगी मॉडल' लागू करेंगे. योगी मॉडल मतलब, किसी भी तरह के अपराध के खिलाफ सख्ती. योगी मॉडल पर सवाल भी उठते रहे हैं. खासकर यूपी में पुलिस एनकाउंटर और बुलडोजर एक्शन को लेकर. अपराधी के सरेंडर करने पर भी कोर्ट ले जाते वक्त एनकाउंटर हो जाता है. और, जरूरी नहीं कि पुलिस को आत्मरक्षा में गोलियां चलानी पड़ें, पहले गाड़ी भी पलट सकती है.
सम्राट चौधरी बिहार के नए गृह मंत्री बने हैं. अब तक गृह विभाग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास ही रहता आया है, लेकिन बंटवारे में इस बार बीजेपी के हिस्से आया है. लिहाजा फैसले को सही साबित करने की चुनौती भी बीजेपी के ही सामने हैं.
बीजेपी ने गृह विभाग के लिए सम्राट चौधरी को चुना है. ये चयन दूरगामी सोच और रणनीति का हिस्सा तो है, लेकिन जोखिम भरा भी है. चुनावों के दौरान सम्राट चौधरी जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर के निशाने पर थे, जिन पर हत्या और गैंगरेप जैसे अपराधों में शामिल होने के आरोप लगाए गए हैं. आरोपों के बीच ही सम्राट चौधरी चुनाव मैदान में उतरे, और जनादेश लेने के बाद फिर से डिप्टी सीएम बने हैं, जिसमें इस बार गृह मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण विभाग की भी जिम्मेदारी है.
सम्राट चौधरी का कहना है कि बिहार सरकार के गृह विभाग की तरफ से उठाए जा रहे ये कदम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन मॉडल को मजबूत करेगा, जहां अपराध पर जीरो टॉलरेंस है.
सम्राट को साबित तो करना ही है
कमान संभालते ही सम्राट चौधरी ने साफ कर दिया है कि बिहार में अपराध पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी. कहते हैं, ऑर्गेनाइज्ड क्राइम नहीं होने दिया जाएगा, माफिया के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे - और कोर्ट के आदेश के बाद अपराधियों के घरों पर बुलडोजर भी चलेगा.
1. बिहार के होम मिनिस्टर सम्राट चौधरी ने कहा है, स्कूलों और कॉलेजों के पास विशेष रूप पर पुलिस फोर्स तैनात की जाएगी, ताकि बहन-बेटियों को छेड़खानी जैसी घटनाओं से बचाया जा सके. प्रेस कांफ्रेंस में बिहार के नए गृह मंत्री का साफ संदेश था, मनचलों को आइडेंटिफाई करो, पकड़ो और सजा दिलाओ.
2017 में यूपी का मुख्यमंत्री बनते ही बाद योगी आदित्यनाथ ने एंटी रोमियो स्क्वॉड की शुरुआत की थी. ये टीम भी यूपी के पुलिसवालों से ही बनाई गई थी. लिहाजा उनके एक्शन भी एनकाउंटर जैसे देखे जाने लगे. काफी विरोध हुआ. बवाल भी. बाद में करीब करीब वही हाल हुआ, जैसा योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बन जाने के बाद हिंदू युवा वाहिनी का देखने को मिला. है भी, नहीं भी. 2022 के बाद तो चर्चा भी कम ही सुनी जाती है. हालांकि, यूपी पुलिस के अनुसार 22 मार्च, 2017 (जब गठन हुआ) से 5 फरवरी, 2025 तक 24000 मामले दर्ज किए गए हैं.
जाहिर है, सम्राट चौधरी भी खुद को साबित करने के लिए योगी मॉडल के एंटी रोमियो टीम बनाने जा रहे हैं, और देखना है बिहार में भी यूपी जैसा ही हाल तो नहीं होने वाला है.
2. योगी मॉडल के तहत ही बिहार में भी अपराधियों के घरों और दूसरे ठिकानों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी शुरू हो चुकी है. अब तक ऐसे 400 माफिया संभावित लिस्ट में शामिल किए जा चुके हैं. संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है, सिर्फ अदालती आदे्श का इंतजार है.
चुनाव से पहले बिहार में हत्या की घटनाओं पर काफी विवाद हुआ था, और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विरोधियों के साथ साथ चिराग पासवान के भी निशाने पर आ गए थे. नई सरकार में ऐसी अपेक्षा भी थी, लेकिन सम्राट चौधरी के गृह मंत्री बनने पर ये बात सवालों के साये में देखी जाने लगी थी.
हां, सम्राट चौधरी ने एक बात साफ तौर पर कही है, ये कार्रवाई कोर्ट के ऑर्डर पर ही की जाएगी.
3. जेलों में सख्ती बरतने की तैयारी है. हाल ही में यूपी के एक जेल का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें दो कैदियों को डांस पार्टी करते देखा गया था. बिहार में, सम्राट चौधरी कहते हैं, जेलों को पूरी तरीके से निगरानी में रखा जाएगा... अब डॉक्टर के कहने पर ही जेलों के अंदर बाहर का खाना ले जाने की अनुमति दी जाएगी, जिससे जेलों के अंदर अनियमितताओं पर रोक लगाई जा सके.
4. नई सरकार की कड़ी नजर साइबर क्राइम और सोशल मीडिया पर भी होने जा रही है. सम्राट चौधरी का कहना है, अगर कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर किसी को गाली देगा या अभद्र टिप्पणी करेगा, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
ये चुनौती सम्राट और बीजेपी दोनों के लिए है
सम्राट चौधरी के लिए कानून और व्यवस्था से जुड़े सख्त कदम बिहार के लिए जरूरी भी हैं, और मजबूरी भी हैं. बीजेपी के लिए चैलेंज ये है कि उसने सम्राट चौधरी को होम मिनिस्टर बनाया है, और सम्राट चौधरी की चुनौती ये कि खुद को साबित भी करना है. प्रशांत किशोर के आरोपों के बाद तो और भी ज्यादा जरूरी हो गया है.
1. जो विभाग 20 साल तक नीतीश कुमार के पास रहा, उसे बीजेपी ने सम्राट को थमा दिया है. नीतीश कुमार के सुशासन मॉडल में जनकल्याणकारी योजनाओं के साथ साथ कानून और व्यवस्था में सुधार भी शामिल है. चुनावों के दौरान हर बार की तरह इस बार भी 'जंगलराज' की खूब चर्चा हुई. अगर रीतलाल यादव के लिए पटना में लालू यादव के रोड शो पर सवाल उठा, तो मोकामा में अनंत सिंह के लिए कैंपेन पर भी सवाल उठा. लेकिन रीतलाल हार गए, अनंत सिंह जीत गए.
2. बीजेपी को साबित करना है कि नीतीश कुमार से कड़े मोलभाव के बाद गृह विभाग लेना पार्टी का गलत फैसला नहीं था. और, ऐसा करके ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी सम्राट चौधरी को 'बड़ा आदमी' बना सकते हैं.
3. बिहार में योगी मॉडल करके बीजेपी सम्राट चौधरी को 'बड़ा आदमी' बनाना चाहती है, जो आगे चल कर नीतीश कुमार की जगह ले सके - सुशासन की विरासत को आगे बढ़ा सके.
बिहार में नीतीश कुमार के सुशासन की विरासत पर काबिज होने के लिए बीजेपी को योगी मॉडल में उम्मीद दिखी है. नीतीश कुमार के सुशासन में लड़कियों के लिए कई योजनाएं शुरू की गईं. बीस साल में लाभार्थियों की दूसरी पीढ़ी आ चुकी है. साइकिल से स्कूल जाने की सुविधा देने वाले नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री बना दिया गया है - और उसी सुशासन की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए सम्राट चौधरी लड़कियों की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्क्वॉड बना रहे हैं.