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दिल्ली विधानसभा चुनाव में 'शीश महल' का मुद्दा क्या नतीजों पर असर डालेगा? । Opinion

दिल्ली विधानसभा चुनावों में अचानक भ्रष्टाचार, दिल्ली के सिविक प्रॉब्लम और AAP सरकार के पूरे न हो पाने वाले वादे परिदृश्य से गायब है. भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने सारा फोकस केजरीवाल के मुख्‍यमंत्री रहते बने सीएम हाऊस पर है, जिसे ये पार्टियां शीशमहल कह रही हैं.

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दिल्ली सीएम आवास जो अपनी लग्जरी सुविधाओं के लिए चर्चा में बना हुआ है.
दिल्ली सीएम आवास जो अपनी लग्जरी सुविधाओं के लिए चर्चा में बना हुआ है.

दिल्ली विधानसभा चुनाव में जनता और राजनीतिक दलों के सामने कई बड़े मुद्दे थे. भारतीय जनता पार्टी के लिए सबसे बड़ा मुद्दा अरविंद केजरीवाल के भ्रष्टाचार का होना चाहिए था. क्योंकि दिल्ली सरकार के सीएम, डिप्टी सीएम, स्वास्थ्य और पीडब्लूडी मिनिस्टर आदि को भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल जाना पड़ा था. दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने बहुत से ऐसे वादे किए थे जो तीसरे कार्यकाल में भी पूरे नहीं हो सके. पर इसके बावजूद दिल्ली में सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है आलीशान सीएम आवास, जिसे विपक्षी पार्टियों ने शीशमहल का नाम दिया है. दिल्ली चुनावों में यह कैसे इतना बड़ा मुद्दा बन गया. आइये देखते हैं.

1-बीजेपी का आक्रामक अभियान

बीजेपी ने दिल्ली के तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास पर आक्रामक अभियान चलाकर आम आदमी पार्टी पर बढत लेने की कोशिश कामयाब होती नजर आ रही है. मरम्मत के नाम पर मुख्यमंत्री आवास को 7 स्टार रिसॉर्ट में बदल दिया गया. भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे को लेकर किस तरह गंभीर है वो इस तरह समझ सकते हैं कि लगातार इस मुद्दे को बनाए रखने के लिए क्रमबद्ध तरीके से जनता के बीच लाने का प्रयास किया गया है.

4 दिसंबर को बीजेपी की दिल्ली यूनिट ने अरविंद केजरीवाल को ‘दिल्ली का राजा बाबू’ दिखाते हुए एक पोस्टर जारी किया. पोस्टर पर लिखा- AAP Presents करोड़ों का शीशमहल.

इससे पहले भी बीजेपी ने तीन और पोस्टर जारी कर केजरीवाल पर निशाना साधा था. पोस्टर के बाद आता है विडियो का नंबर. 9 दिसंबर 2024 को बीजेपी ने शीशमहल से रिलेटेड एक वीडियो जारी करती है.विडियो में दिल्ली के सीएम हाउस का शानदार इंटीरियर देखने को मिलता है. विडियो के साथ यह भी लिखा जाता है कि 'वे कहते थे कि सरकारी घर नहीं लूंगा, लेकिन रहने के लिए 7 स्टार रिसॉर्ट बना डाला.'

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चुनाव के नजदीक आते ही इस मुद्दे को पीएम नरेंद्र मोदी भी उछालते हैं. 3 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के अशोक विहार में एक कार्यक्रम में शीशमहल का नाम लेते हैं. पीएम कहते हैं कि 'मैं भी कोई शीशमहल बना सकता था, लेकिन मेरा सपना था कि देशवासियों को पक्का घर मिले. देश जानता है कि मोदी ने कभी अपने लिए घर नहीं बनाया. शीश महल मुद्दे को दिल्ली में बढ़ती चर्चा के चलते पार्टी उत्साहित होती है. पीएम फिर दिल्ली में सभा करते हुए इस मुद्दे का जिक्र करते हैं.

5 जनवरी को पीएम मोदी ने दिल्ली के जापानी पार्क में आयोजित सभा में फिर केजरीवाल को शीशमहल के मु्द्दे पर फिर घेरते हैं. मोदी बिना नाम लिए कहते हैं कि जब दिल्ली कोविड -19 से जूझ रही थी, तब उनका ध्यान शीशमहल बनवाने पर था. शीशमहल मुद्दे को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी घेरते हैं. नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहते हैं कि केजरीवाल को जब दिल्ली के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काम करने का मौका मिला, तब उन्होंने अपना भवन बनाने का काम किया. केजरीवाल ने 50 हजार गज में 45 करोड़ रुपए का शीशमहल बनाया.
इस बीच अखबारों में सीएजी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए खबरें भी छपती हैं कि किस तरह सरकार धन को मरम्मत के नाम पर लग्जरी सामान खरीदे गए. 

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2-'शीशमहल' को खोलकर दिखाने की मांग करना बताता है कि यह बड़ा मुद्दा बन चुका है

आम आदमी पार्टी शीशमहल मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के साथ दो-दो हाथ करने को तैयार है. पहले आम आदमी पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 2700 करोड़ का महल बनवाया है. इसके साथ ही आम आदमी पार्टी ने जवाब यह दिया कि अरविंद केजरीवाल ने घर की मरम्मत और लग्जरी आइटम अपने लिए नहीं लगवाए थे. वो मुख्यमंत्री आवास सरकारी है. जो कोई भी सीएम बनता उसका इस्तेमाल करता. पर जब बात इससे भी नहीं बनी तो पार्टी और आक्रामक हो गई. बुधवार को सीएम हाउस पर पहुंचकर आम आदमी पार्टी नेता सीएम हाउस में सोने का टॉयलेट, बार और स्विमिंग पूल ढूंढने के लिए पहुंचे.पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज और संजय सिंह सीएम हाउस पहुंच कर यह जनता को दिखाना चाहते थे कि बीजेपी केवल बदनाम कर रही है. सीएम हाउस में न स्विमिंग पूल है और न ही सोने की टॉयलेट हैं. आप नेता संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज को पुलिस ने सीएम हाउस के बाहर ही रोक दिया. पुलिस से बहस के बाद दोनों नेता सीएम आवास के बाहर ही धरने पर बैठ गए थे, लेकिन फिर दोनों वापस चले गए. संजय सिंह ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, बीजेपी का झूठ सामने आ गया है, किसके कहने पर पुलिस तैनात की गई. इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर सीएम हाउस का वीडियो जारी किया.

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दरअसल भारतीय जनता पार्टी शुरू से ही जो विडियो जारी कर रही है उसमें स्विमिंग पूल और सोने की टायलेट की बात कभी हुई ही नहीं. आम नेता जिस बात को साबित करने आज सीएम हाउस पहुंचे थे वो तो कभी कही ही नहीं गई. दरअसल सीएम हाउस में लाखों के जकुजी, 15 लाख के टायलेट सीट, महंगे पर्दे, विएतनाम के टाइल्स और शानदार इंटिरियर की बात ही की गई थी. स्विमिंग पूल और सोने की टायलेट के बहाने बीजेपी के आरोपों को झूठ साबित करने की कोशिश की बताती है कि आम आदमी पार्टी किस तरह अपने आरोपों को झूठा साबित करना चाहती है.हालांकि आम आदमी पार्टी इस रणनीति की बदौलत डैमेज कंट्रोल में सफल साबित हुई है.

3-कांग्रेस ने ही मुद्दा उठाया और अब इस मुद्दे को लेकर आक्रामक भी है

दिल्ली शराब घोटाले को जिस तरह सबसे पहले कांग्रेस ने उठाया था उसी तरह सीएम आवास के मुद्दे पर भी कांग्रेस ने ही सबसे आवाज बुलंद की थी. 8 मई, 2023 को वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय माकन की शिकायत के आधार पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार को सीएम के बंगले में कथित उल्लंघनों और  बेहिसाब खर्च और अस्पष्ट व्यय की जांच करने के लिए कहा था. पर कांग्रेस इस उधेड़बिन में रह गई कि आम आदमी पार्टी के साथ रहना है या नहीं रहना है. कांग्रेस सोचती रही और भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे को लपक लिया. हालांकि कांग्रेस अब जब दिल्ली में अकेले चुनाव लेने का फैसला ले लिया तब से वो लगातार इस मुद्दे को उठा रही है. अभी हाल ही में कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से शीशमहल के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी को घेरा गया था. इसके बावजूद अगर ये कहा जाए कि कांग्रेस शीशमहल मुद्दे पर केवल आपचारिकता ही दिखा रही है तो इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती है. क्योंकि कांग्रेस के एक्स हैंडल पर शीशमहल से संबंधित केवल 2 ही ट्वीट मिलते हैं.
 

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4-शीशमहल मुद्दा नहीं बनता अगर केजरीवाल सादगी वाली राजनीति नहीं करते

आम आदमी पार्टी के कई नेताओं को जेल भेजकर भी भारतीय जनता पार्टी अब तक दिल्ली में भ्रष्टाचार को मुद्दा नहीं बना पाई है. जिस प्रदेश का सीएम और डिप्टी सीएम कई महीने तक भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में रहे हों वहां के विधानसभा चुनाव में भ्रष्टाचार अगर मुद्दा नहीं बन रहा है तो यही कहा जाएगा कि नेता सभी पाक साफ थे. यही हाल शीश महल को लेकर भी है. मुख्यमंत्री आवास की मरम्मत की जांच में अभी तक किसी भ्रष्टाचार के आरोप नहीं मिल सके हैं . आश्चर्य है कि फिऱ भी यह मुद्दा बन रहा है. दरअसल अरविंद केजरीवाल शुरू से ही सादगी की राजनीति पर जोर देते रहे हैं. अपनी राजनीति के शुरुआती दिनों में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के राष्ट्रपति रहते हुए 300 से ज्यादा कमरे वाले मकान पर उन्होने सवाल उठाते थे. शुरू में सरकारी बड़ी कार छोड़कर एक पुरानी वैगन आर में चलने का दम भरने वाले अरविंद केजरीवाल को जब पब्लिक लग्जरी लाइफ स्टाइल देखती है तो उसे आम आदमी पार्टी की राजनीति पाखंड लगने लगती है. बीजेपी का सारा जोर इस बात पर है कि आम आदमी पार्टी के मुखिया केवल कहने के लिए आम आदमी बनते हैं.

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