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स्वाति मालीवाल केस के बाद दिल्ली में BJP ने इस तरह बदली रणनीति, कितना होगा फायदा?

स्वाति मालीवाल मारपीट केस के बाद बीजेपी दिल्ली में दोगुने उत्साह के साथ चुनाव प्रचार में है. इस घटना के बाद पार्टी ने अपनी चुनावी रणनीति में व्यापक स्तर पर बदलाव किया है. अब देखना यह है कि यह बदलाव चुनाव परिणाम पर कितना असर डालता है?

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दिल्ली बीजेपी की बदली चुनावी रणनीति कितना काम आएगी?
दिल्ली बीजेपी की बदली चुनावी रणनीति कितना काम आएगी?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर स्वाति मालीवाल पर कथित हमले को लेकर विवाद ने दिल्ली की राजनीतिक फिजा बदल दी है. अरविंद केजरीवाल के जेल से आने के बाद आम आदमी पार्टी भारी उत्साह से लबरेज थी. ठीक उसी तरह स्वाति मालिवाल केस के बाद भारतीय जनता पार्टी भारी उत्साह में है. हिंदी में एक कहावत है कि एक साधे सब सधे. भारतीय जनता पार्टी उस कहावत को चरितार्थ कर रही है. स्वाति मालीवाल केस के बहाने आम आदमी पार्टी सरकार की अन्य कमजोरियों पर भी हमले तेज कर दिया गया है.दिल्ली में जल संकट आम आदमी पार्टी के लिए और मुसीबत बन गई है. जाहिर इस मुद्दे पर भुनाने की पूरी तैयारी कर ली गई है.आम आदमी पार्टी नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने बीजेपी पर जानबूझकर दिल्ली में जलसंकट पैदा करने का आरोप लगाया है.    

कांग्रेस के मुकाबले आम आदमी पार्टी पर हमले ज्यादा

भारतीय जनता पार्टी पूरे देश में कांग्रेस को अपना मुख्य टार्गेट बनाती रही है. बीजेपी के राष्ट्रीय कैंपेन में कभी भी मुख्य फोकस अरविंद केजरवाल पर नहीं रहा.पर भारतीय जनता पार्टी ने स्वाति मालीवाल मारपीट प्रकरण के बाद दिल्ली में अपनी रणनीति में थोड़ा परिवर्तन किया है.  दिल्ली में इंडिया गुट का मुकाबला करने के लिए भाजपा की रणनीति कांग्रेस की तुलना में आप को अधिक निशाना बनाना है. क्योंकि बीजेपी समझती है कि स्वाति मालीवाल पर हुए अत्याचार की बात करने से दिल्ली की जनता आप और कांग्रेस के बारे में अपनी नजरिया बदलेगी.

 क्योंकि केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी को राष्ट्रीय राजधानी में सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की तुलना में अधिक मजबूत विपक्ष के रूप में देखा जा रहा है. जबकि 2019 लोकसभा चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी की तुलना में कांग्रेस को अधित पसंद किया. कांग्रेस ने 2019 के चुनावों में करीब सभी सीटों पर दूसरे स्थान पर रही जबकि आम आदमी पार्टी तीसरे पर रही. कई जगहों पर तो जमानत भी नहीं बची. इसके बावजूद कांग्रेस ने खुद को दिल्ली में आम आदमी पार्टी से कमतर माना और सीट शेयरिंग में आप के मुकाबले एक सीट कम पर हामी भर दी.  दिल्ली में 25 मई को मतदान होना है.दिल्ली की लोकसभा सीटों पर बीजेपी कांग्रेस के बजाय केजरीवाल सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार पर ही फोकस किया है.

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महिलाओं से संबंधित कल्याणकारी योजनाओं का मुकाबला इस तरह

आम आदमी पार्टी का मुख्य चुनावी फोकस महिलाओं पर रहा है. यही कारण रहा कि आम आदमी पार्टी सरकार ने मार्च में महिलाओं के लिए 1000 रुपये का मासिक भत्ता वाली स्कीम लेकर आई. भाजपा ने शुरुआत में आप की कल्याणकारी योजनाओं का मुकाबला अपनी केंद्रीय कल्याण योजनाओं से किया, जिनकी देखरेख खुद प्रधानमंत्री करते हैं. पहले बीजेपी दिल्ली में अपने प्रचार अभियान में महिला मतदाताओं को संकेत देती थी कि कैसे आप सरकार की उत्पाद शुल्क नीति ने उनके पतियों और बेटों को शराब की लत में डाल दिया. लेकिन मालीवाल के आरोप सामने आने के तुरंत बाद पार्टी ने अपना प्रचार अभियान तेजी से बदला है. 

अब भाजपा आप के राज्यसभा सांसद मालीवाल पर कथित हमले का इस्तेमाल केजरीवाल सहित आप के शीर्ष नेतृत्व को जिम्मेदार बताने के लिए कर रही है. बीजेपी बार-बार कह रही है कि आम आदमी पार्टी ने पहले स्वाति मालीवाल मामले में चुप्पी, फिर फिर मालीवाल पर प्रत्यक्ष हमला करके पार्टी ने किस तरह अपनी ही पार्टी की एक महिला नेता के साथ अपमानजनक व्यवहार किया. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को दिल्ली में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में पूछा कि निर्भया कांड को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विजय चौक पर धरने पर बैठते थे. आज उसी मुख्यमंत्री के ड्राइंग रूम में एक महिला के साथ कैसा दुर्व्यवहार हो रहा है? यह कैसा पाखंड है?  पिछले दो दिनों में, लोकसभा अभियान के तहत राजधानी का दौरा करने वाले भाजपा नेताओं, जिनमें मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और भाजपा की हैदराबाद उम्मीदवार माधवी लता भी शामिल हैं, ने भी इस मुद्दे को उठाया है.

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दिल्ली में जल संकट से किसको मिलेगी बढ़त

दिल्ली में लोकसभा चुनाव तीन दिन दूर हैं - और कुछ हिस्सों में तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ रहा है - अनियमित पानी की आपूर्ति और इसकी गुणवत्ता जेजे क्लस्टर, मलिन बस्तियों और अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए पानी सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट बताती है कि कई परिवार अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए टैंकरों पर निर्भर रहने या डिब्बे खरीदने के लिए मजबूर हैं. अक्सर पानी की कमी के चलते लोगों का गुस्सा भड़क जाता है और झगड़े शुरू हो जाते हैं. पिछले महीने ही, पूर्वोत्तर दिल्ली के शाहदरा में, सामुदायिक नल से पानी इस्तेमाल करने को लेकर हुए झगड़े के बाद एक 34 वर्षीय महिला की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी.

दिल्ली में पानी को लेकर हर साल घमासान मचता है. पिछले साल भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा की अगुवाई में पार्टी ने शहर में पेयजल की कमी को लेकर यहां जलबोर्ड के कार्यालय के बाहर लगातार प्रदर्शन किया गया था.बीजेपी लगातार पीने के पानी को मुद्दा बनाती रही है. बुधवार को आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री आतिशी ने पीसी करके आरोप लगाया कि बीजेपी शासित केंद्र अन्य राज्यों के माध्यम से जानबूझकर जल संकट पैदा कर रही है. जाहिर है जल संकट का मामला गंभीर हो गया है.

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बीजेपी को कितने फायदा का अनुमान

 भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस लिखता है कि पार्टी चांदनी चौक, उत्तर पूर्व और पश्चिमी दिल्ली में अपने प्रदर्शन को लेकर चिंतित है. मुख्य रूप से उनकी झुग्गी-झोपड़ी और अल्पसंख्यक आबादी के कारण, जिनके बीच आम आदमी पार्टी का मजबूत आधार है. अखबार लिखता है कि भाजपा नेतृत्व का मानना ​​है कि पिछली दो बार की तरह 7-0 का सफाया एक अपेक्षित परिणाम होगा जबिक 6-1 एक ऐक्सेप्टबल होगा. पार्टी मानती है कि सबसे खराब स्थिति में भी 5-2 हो सकता है. दिल्ली में अपेक्षित सफलता के लिए पार्टी अब कई हफ्तों में राजधानी में पीएम मोदी की दूसरी रैली की तैयारी की कोशिश में है. बीजेपी के सूत्र बताते हैं कि हमारे नेता निश्चित रूप से मालीवाल मुद्दे को मतदाताओं तक प्रभावी ढंग से पहुंचाने में सक्षम हैं. खासकर मलिन बस्तियों और झुग्गी झोपड़ियों में जहां अधिक से अधिक महिला मतदाता इस मुद्दे पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दे रही हैं. 
 

 

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