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बस में सोनम को देखने वाली उजाला सच बोल रही या गाजीपुर तक छोड़ने वाला ड्राइवर? इस कहानी में आखिर कितने झोल

सोनम रघुवंशी की गिरफ्तारी को दस दिन हो चुके हैं, लेकिन वह गाजीपुर तक कैसे और किसके साथ पहुंची अब इस सवाल का जवाब और भी पेचीदा होता जा रहा है. एक तरफ ड्राइवर पीयूष का दावा है कि उसने सोनम को एर्टिगा कार से गाजीपुर तक पहुंचाया और उसके साथ एक और ड्राइवर था, वहीं दूसरी ओर सैदपुर की रहने वाली उजाला यादव ने कुछ दिन पहले दावा किया था कि उसने सोनम के साथ वाराणसी से गाजीपुर तक रोडवेज बस में यात्रा की है.

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सोनम को गाजीपुर तक छोड़ने का दावा करने वाले ड्राइवर पीयूष से बयान से यह केस और उलझ गया.
सोनम को गाजीपुर तक छोड़ने का दावा करने वाले ड्राइवर पीयूष से बयान से यह केस और उलझ गया.

राजा रघुवंशी हत्याकांड की गुत्थी उलझती जा रही है. मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी की गिरफ्तारी को दस दिन हो चुके हैं, लेकिन वह गाजीपुर तक कैसे और किसके साथ पहुंची अब इस सवाल का जवाब और भी पेचीदा होता जा रहा है. एक तरफ ड्राइवर पीयूष का दावा है कि उसने सोनम को एर्टिगा कार से गाजीपुर तक पहुंचाया और उसके साथ एक और ड्राइवर था, वहीं दूसरी ओर सैदपुर की रहने वाली उजाला यादव ने कुछ दिन पहले दावा किया था कि उसने सोनम के साथ वाराणसी से गाजीपुर तक रोडवेज बस में यात्रा की है.

ड्राइवर पीयूष ने क्या-क्या बताया 

गुरुवार को इंदौर क्राइम ब्रांच दफ्तर में पीयूष से लंबी पूछताछ की गई. बताया जा रहा है कि पूछताछ में पता चला है कि पीयूष ने इंदौर के उस फ्लैट से सोनम को कार में बैठाया, जहां वह वारदात के बाद से वह छिपी हुई थी. सोनम ने अपनी पहचान छुपाने के लिए बुर्का पहन रखा था. पीयूष के अनुसार, पूरे सफर के दौरान सोनम चुपचाप रही, कुछ नहीं खाया और बार-बार गाड़ी रुकवाकर बाहर निकल कर मोबाइल पर किसी से बात करती रही. इस सफर में गाजीपुर तक पीयूष के साथ एक अन्य ड्राइवर भी था. दोनों ने मिलकर सोनम को गाजीपुर बाइपास पर उतारा और फिर लौट आए. 

उजाला यादव की कहानी इससे अलग 

उधर, सैदपुर की निवासी उजाला यादव ने कुछ दिनों पहले जो बातें मीडिया को बताई थी वह ड्राइवर पीयूष के बयान से एकदम उलट है. उजाला का दावा था कि वह वाराणसी कैंट स्टेशन पर सोनम से मिली थी, उसके साथ दो युवक भी थे. पहले वह सोनम का पहचान नहीं पाई थी, उसकी गिरफतारी की खबर देखने के बाद पता चला कि जिसके साथ वह बस में बैठकर आई थी वह तो सोनम थी.  बस में उजाला को सोनम के बगल वाली सीट पर बैठी थी. उजाला के अनुसार, सोनम बार-बार पूछ रही थी कि गोरखपुर कितनी दूर है. वह काफी घबराई हुई लग रही थी. उजाला का कहना है कि उसने इस बात की जानकारी गाजीपुर पुलिस को भी दी थी और और राजा के परिजनों का नंबर खोजकर उनसे बात की. उजाला ने यहां तक कहा कि अगर वाराणसी कैंट स्टेशन का सीसीटीवी फुटेज खंगाला जाए तो सच सामने आ जाएगा.

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अब खड़े हो रहे सवाल 

- पीयूष और उजाला दोनों में से कौन सच बोल रहा है? 

- क्या सोनम ने बस और कार दोनों से सफर किया ? 

- पहले कार से किसी स्थान तक और फिर वहां से बस में बैठी ? 

पीयूष और राज कुशवाहा का कनेक्शन

जांच के दौरान एक और अहम खुलासा यह हुआ है कि ड्राइवर पीयूष लंबे समय से मुख्य साजिशकर्ता राज कुशवाहा के संपर्क में था. उसके पास एक लोडिंग रिक्शा है, जिससे वह कई बार सोनम के भाई गोविंद रघुवंशी के गोदाम पर माल लाद चुका है. उसी गोदाम में राज कुशवाहा भी काम करता था, जिससे दोनों की जान-पहचान हुई. अब पुलिस यह भी जांच रही है कि क्या पीयूष को पहले से सोनम की फरारी और हत्या की योजना की जानकारी थी या वह सिर्फ एक माध्यम बनकर इस्तेमाल किया गया.

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