मध्य प्रदेश के रायसेन में फरार रेप आरोपी सलमान आखिरकार सातों दिनों बाद पुलिस के हत्थे चढ़ गया. पिछले शुक्रवार की रात से फरार चल रहे सलमान को पकड़ने के लिए पुलिस की 20 टीमों के लगभग 300 जवान लगातार दबिश दे रहे थे. गुरुवार देर रात आखिरकार भोपाल के गांधीनगर इलाके के वार्ड 11 स्थित एक चाय की दुकान से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
जंगल के रास्ते पहुंचा भोपाल
जख्मी हालत में स्ट्रेचर पर ले जाए जा रहे सलमान की तस्वीरें भी सामने आई हैं. पुलिस के अनुसार, आरोपी को गांधीनगर पुलिस ने पकड़ा और फिर उसे गौहरगंज पुलिस के हवाले कर दिया गया. गौहरगंज पुलिस सलमान को रायसेन ले जा रही थी, लेकिन रास्ते में गाड़ी पंचर हो गई. इसी दौरान सलमान ने मौके का फायदा उठाकर भागने की कोशिश की, जिस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उसके पैर में गोली मारकर उसे काबू में कर लिया.
अधिकारियों के मुताबिक आरोपी सलमान रायसेन से जंगली इलाकों में पैदल चलते हुए भोपाल पहुंचा था और दो दिन तक भोपाल में ही छिपा रहा. लेकिन जैसे ही सलमान चाय पीने के लिए बाहर निकला वो लोगों की नजरों में आ गया और पकड़ा गया. पुलिस अफसरों के मुताबिक उन्होंने बताया कि सीहोर जिले के श्यामपुर में उसका घर गांधीनगर इलाके से करीब 18 km दूर है और रेप केस में नाम आने के बाद से वो लगातार भाग रहा था.
पुलिस ने रखा था 30 हजार रुपये का इनाम
इससे पहले आरोपी सलमान पर पुलिस ने 30 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था. उसकी गिरफ्तारी में देरी से नाराज़ लोगों द्वारा गौहरगंज थाने पर लगातार छह दिनों से विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा था. प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि सलमान को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उसे फांसी की सजा दी जाए.
गिरफ्तारी नहीं होने पर लोगों ने किया था प्रदर्शन
बुधवार को प्रदर्शन इतना उग्र हो गया कि हालात काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे. इसके बावजूद भीड़ आरोपी की गिरफ्तारी और कड़ी कार्रवाई की मांग पर अड़ी रही. उसकी जल्द गिरफ्तारी नहीं होने पर 26 नवंबर को सीएम मोहन यादव ने सीनियर अधिकारियों के साथ मामले की समीक्षा की, और रायसेन के तत्कालीन SP पंकज पांडे को तुरंत हटाने और उन्हें पुलिस हेडक्वार्टर से अटैच करने का आदेश दिया था.
अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रही पीड़ित मासूम
अब सलमान की गिरफ्तारी हो चुकी है, और पुलिस ने उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है. दूसरी ओर, इस भयावह घटना की शिकार 6 साल की बच्ची अभी भी आईसीयू में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है. स्थानीय लोगों और पीड़िता के परिवार के साथ-साथ पूरे प्रदेश की नजर अब इस मामले की सुनवाई पर है. लोग उम्मीद कर रहे हैं कि आरोपी पर जल्द से जल्द न्यायिक प्रक्रिया शुरू हो और पीड़िता को इंसाफ मिल सके.