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SC-ST एक्ट में दर्ज था केस, लेकिन किस आधार पर मिली धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के भाई शालिग्राम गर्ग को जमानत?

Dhirendra Shastri's brother Shaligram Garg got bail: बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के छोटे भाई शालिग्राम गर्ग को छतरपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया था, जहां उसे जमानत मिल गई. उस पर गांव के दलित परिवार को तमंचे की नोंक पर धमकाने, मारपीट और गाली-गलौज करने का आरोप लगा था.

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धीरेंद्र शास्त्री के भाई शालिग्राम को मिली जमानत.
धीरेंद्र शास्त्री के भाई शालिग्राम को मिली जमानत.

MP News: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के छोटे भाई शालिग्राम गर्ग को जमानत मिली चुकी है. शालिग्राम समेत उसके साथी राजाराम तिवारी को बीते दिन ही छतरपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया था. दोनों युवाओं पर दलित परिवार के एक शादी समारोह में तमंचा लहराने और गाली गलौज करने का आरोप लगा था. 

दरअसल, पिछले दिनों एक वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो में देखा गया कि छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में आयोजित दलित परिवार के शादी समारोह में शालिग्राम देसी कट्टे की नोंक पर कुछ लोगों को धमका रहा था. साथ ही गाली गलौच और मारपीट भी कर रहा था.

वायरल वीडियो और पीड़ित परिवार की रिपोर्ट के आधार पर शालिग्राम गर्ग और उसके साथी राजाराम तिवारी पर मारपीट, धमकी देने, जान से मारने की धमकी, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर आईपीसी की धाराओं 294, 323, 506, 427 समेत एससी-एसटी एक्ट की धाराओं 3(1)(द), 3(1)(ध), 3(2)(va) के तहत केस दर्ज किया गया था.

आरोपी शालिग्राम गर्ग को गिरफ्तारी के कुछ देर बाद ही जमानत मिल गई.

अग्रिम विवेचना एसडीओपी खजुराहो को सौंपी गई. इसके बाद परिवार के पूरक कथनों के आधार पर मामले में आर्म्स एक्ट की धाराएं भी लगाई गईं. 
 
इस मामले में गुरुवार को पुलिस ने दोनों आरोपियों को विशेष सत्र न्यायाधीश उपेंद्र प्रताप सिंह के समक्ष पेश किया. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए दोनों को 25-25 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी. 

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जमानत देने के पीछे का तर्क जज ने यह बताया गया कि शालिग्राम गर्ग और राजाराम तिवारी पर पहले किसी भी प्रकार के मामले दर्ज नहीं हैं. वहीं, एससी-एसटी एक्ट और आर्म्स एक्ट के तहत 7 साल से ज्यादा की सजा का प्रावधान नहीं है, इसलिए उन्हें तुरंत जमानत दे दी गई. हालांकि, सरकारी वकील प्रवेश अहिरवार ने इस जमानत का विरोध किया. मगर जज ने बिहार के एक मामले का हवाला देते हुए आरोपियों को जमानत देने की बात कही. देखें, वकील का बयान:-

उधर, आरोपियों की पैरवी कर रहे वकील सीएल पटेल का कहना है कि यह कोई बड़ा और गंभीर मामला नहीं था, इसलिए न्यायाधीश में जमानत दी है. बहरहाल, अब इस पूरे मामले की अगली सुनवाई 16 मार्च होगी, जिसमें चालान पेश किया जाएगा.  

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