मध्यप्रदेश के लोक निर्माण विभाग (PWD) ने पहले सभी अंडर कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स पर रोक लगाने का आदेश जारी किया, लेकिन अब U-टर्न लेते हुए कुबूल किया कि यह आदेश गलती से जारी हुआ था. विभाग ने साफ किया कि कोई भी काम रोका नहीं जाएगा.
अब नए आदेश में कहा गया है कि लोक निर्माण विभाग सड़क और ब्रिज प्रोजेक्ट्स के लिए मापदंडों के अनुसार डिजाइन और गुणवत्तापूर्ण निर्माण करने के लिए प्रयासरत है. कोई भी काम रोका नहीं जाएगा, बल्कि क्वालिटी, डिजाइन और निर्माण की लगातार जांच की जाएगी. किसी भी परियोजना की जनरल अरेंजमेंट ड्रॉइंग (GAD) निरस्त नहीं की गई है.
विभाग सड़क और ब्रिज परियोजनाओं को तकनीकी मापदंडों के अनुसार बनाने के लिए निरंतर एक्शन ले रहा है. इसके लिए राज्य सरकार ने व्यापक दक्षता संवर्धन कार्यक्रम तय किए हैं, जिसमें सभी इंजीनियरों को भारतीय सड़क कांग्रेस (IRC) कोड और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) के दिशा-निर्देशों का अध्ययन कर उनके आधार पर कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं.
ब्रिज परियोजनाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण निर्माण, मापदंडों के अनुरूप डिज़ाइन, सतत सुपरविजन प्रणाली और निर्माण के दौरान निरंतर निगरानी व निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं. रेलवे और नगरीय निकायों जैसे स्टेकहोल्डर्स के साथ समन्वय की प्रक्रिया भी स्पष्ट की गई है. विभाग ने कहा कि पुराने अलाइनमेंट्स रद्द नहीं किए गए हैं. गलती से जारी त्रुटिपूर्ण आदेश उसी दिन वापस ले लिया गया था.
यह भी बता दें कि पुलों और फ्लाईओवर की GAD रेलवे और PWD विभाग करते हैं, इसलिए न तो चीफ इंजीनियर को निरस्त करने का अधिकार है और न ही किसी परियोजना में ऐसी जरूरत दिखी. निर्माण के दौरान स्थान की कमी के कारण अलाइनमेंट और डिज़ाइन में बदलाव की जरूरत पड़ती है, जो लगातार किए जाते हैं. ऐसे परिवर्तनों में IRC कोड और MORTH मापदंडों का पालन किया जाता है.
राज्य सरकार ने निर्देश दिए हैं कि निर्माण के दौरान होने वाले परिवर्तन नगर निगम, रेलवे जैसे स्टेकहोल्डर्स के समन्वय से किए जाएं. इसलिए परियोजनाओं के रुकने की कोई स्थिति नहीं है.
विभाग ने ब्रिज परियोजनाओं में जटिल बाधाओं के समाधान के लिए प्रमुख अभियंता की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है, जिसमें आवश्यकता अनुसार शासकीय या निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल किए जा सकते हैं. इससे समस्याओं का त्वरित और मापदंडों के अनुरूप निराकरण होगा, जिससे परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी.
पहले के आदेश और विवाद
विभाग की ब्रिज शाखा ने पहले सभी परियोजनाओं की GAD रद्द कर तत्काल प्रभाव से निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी थी. यह फैसला चीफ इंजीनियर (ब्रिज) पीसी वर्मा ने मंगलवार को लिया था, जिसके बाद बुधवार से सभी निर्माण कार्य बंद कर दिए गए थे. पहले से चल रहे प्रोजेक्ट्स को भी GAD की पुनर्समीक्षा और स्वीकृति तक रोका गया था.
विभाग ने कहा था कि बिना उच्चस्तरीय तकनीकी जांच के कोई नया निर्माण शुरू नहीं होगा. भोपाल के ऐशबाग और इंदौर के एक रेलवे ओवरब्रिज (ROB) की डिज़ाइन में गंभीर खामियां सामने आई थीं, जिसके कारण वहां काम रोका गया. इससे विभाग की काफी किरकिरी हुई थी.
इसके बाद राज्यभर के प्रोजेक्ट्स की GAD की रैंडम जांच में तकनीकी खामियां उजागर हुई थीं.विभाग ने इन खामियों की गहन जांच के लिए इंजीनियर-इन-चीफ की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति गठित की थी.
पहले के आदेश में लिखा था:"लोक निर्माण विभाग, सेतु परिक्षेत्र के अंतर्गत एलिवेटेड कॉरिडोर, फ्लाईओवर, आरओबी एवं पुलों का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जबकि कुछ कार्य डीपीआर स्तर पर हैं. उक्त कार्यों में से कुछ की GAD का अवलोकन किया गया, जिसमें पाया गया कि इनमें समुचित सुधार किया जा सकता है. तदनुसार, पूर्व में अनुमोदित सभी एलिवेटेड कॉरिडोर, फ्लाईओवर, आरओबी, एवं पुलों की GAD को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है. उक्त सभी कार्यों की GAD का पुनरीक्षित अनुमोदन यथाशीघ्र कराया जाए, ताकि त्रुटियों की संभावना न रहे."