scorecardresearch
 

भोपाल के 90 डिग्री मोड़ वाले ब्रिज पर CM मोहन यादव सख्त, बोले- जिम्मेदारों के खिलाफ एक्शन लेंगे, फॉल्ट को किया जाएगा दुरुस्त

CM मोहन यादव ने एक बयान में कहा कि ऐशबाग आरओबी के निर्माण कार्य में तकनीकी खामियों को दूर किया जाएगा. इनके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

Advertisement
X
90 डिग्री पुल की खामियों को सरकार ने माना.
90 डिग्री पुल की खामियों को सरकार ने माना.

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 90 डिग्री मोड़ वाले रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण में तकनीकी खामियों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि तकनीकी खामियों को दूर करने के बाद ही ओवरब्रिज का उद्घाटन किया जाएगा. 

दरअसल, राज्य की राजधानी में ऐशबाग स्टेडियम के पास बना रेलवे ओवरब्रिज (ROB) आलोचना और उपहास का विषय बन गया है, स्थानीय निवासियों और नेटिज़न्स ने इसके डिज़ाइन पर सवाल उठाए हैं. संभावित जोखिमों पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि वाहनों को इसके असामान्य 90 डिग्री मोड़ से गुजरना मुश्किल होगा. 

CM यादव ने एक बयान में कहा, "ऐशबाग आरओबी के निर्माण कार्य में तकनीकी खामियों को दूर किया जाएगा. इनके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी." 

उन्होंने कहा कि आरओबी में तकनीकी खामियों को दूर करने का काम शुरू हो गया है और काम पूरा होने के बाद ही इसका उद्घाटन किया जाएगा. 18 करोड़ रुपये की लागत से बने इस आरओबी का उद्देश्य महामाई का बाग, पुष्पा नगर और स्टेशन क्षेत्र से नए भोपाल तक वाहनों की आवाजाही को सुगम बनाना है.

Advertisement

पिछले सप्ताह लोक निर्माण विभाग (PWD) ने पुल पर वाहनों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए समाधान खोजने के लिए एक समिति बनाई थी.

पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने तब कहा था कि मामले की जांच करने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की एक टीम ने पाया कि जमीन की अनुपलब्धता के कारण अजीब डिजाइन अपनाया गया था. उन्होंने कहा था कि दो मुख्य इंजीनियरों वाली समिति रेलवे सहित सभी हितधारकों से बात करेगी और फिर सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे. उनके अनुसार, समिति की रिपोर्ट के आधार पर यह तय किया जाएगा कि पुल के मोड़ को कैसे सुगम और दुर्घटना मुक्त बनाया जाए.

आरओबी के निर्माण से जुड़े अधिकारियों ने पहले तर्क दिया था कि जमीन की कमी और पास में मेट्रो रेल स्टेशन की मौजूदगी को देखते हुए उनके पास इसे इस तरह बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.

PWD अधिकारियों ने कहा कि अगर थोड़ी अतिरिक्त जमीन उपलब्ध हो जाए तो 90 डिग्री के शार्प मोड़ को कर्व में बदला जा सकता है. मार्च 2023 में आरओबी का निर्माण शुरू होने से पहले सरकार ने कहा था कि इसके चालू हो जाने पर ऐशबाग क्षेत्र के लोगों को न तो रेलवे क्रॉसिंग पर इंतजार करना पड़ेगा और न ही लंबा चक्कर लगाना पड़ेगा और इससे हर दिन करीब तीन लाख लोगों को फायदा होगा. हालांकि, इसके 90 डिग्री के मोड़ के कारण, सोशल मीडिया यूजर्स के साथ-साथ स्थानीय निवासियों ने कहा कि दोषपूर्ण डिजाइन दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है क्योंकि इसके तीखे कोण के कारण वाहनों को मोड़ से गुजरना मुश्किल होगा.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement