MP News: भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ित को पिछले एक साल से आहार नली का कैंसर था. उनकी आहार नली में एक गांठ बन गई थी. इसकी जिसकी वजह से वे कुछ भी नहीं खा नहीं पा रहे थे. उन्हें पानी निगलने में भी तकलीफ हो रही थी और उनकी जान खतरे में पड़ गई थी. बीएमएचआरसी के डॉक्टरों ने आहार नली में एक स्टेंट डालकर रास्ता बना दिया. अब मरीज आसानी से अपना भोजन, दवा व पानी ले पा रहे हैं.
बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक डॉ मनीषा श्रीवास्तव ने बताया कि बुजुर्ग मरीज बीते एक साल से आहार नली के कैंसर से परेशान थे. कैंसर अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था, लेकिन आहार नली की गांठ के बढ़ जाने से उनका खाना खा पाना बिल्कुल बंद हो गया था. इससे उनका वजन काफी कम हो गया था. वह अपनी दवा भी नहीं ले पा रहे थे और उनका कैंसर का इलाज भी नहीं हो पा रहा था. इस स्थिति में उनकी सर्जरी कर गांठ को हटा भी नहीं सकते थे. इन तकलीफों के साथ मरीज बीएमएचआरसी आए थे. मरीज की जिंदगी बचाने के लिए जल्द से जल्द इलाज करना आवश्यक था.
अस्पताल के गैस्ट्रो मेडिसिन विभाग में विजिटिंग कन्सलटेंट डॉ सारांश जैन ने उनकी जांच की और पाया कि आहार नली में स्टेंट डालकर उनकी समस्या को खत्म किया जा सकता है. मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए हमने जल्द से जल्द स्टेंट की व्यवस्था की और डॉ सारांश जैन ने एंडोस्कोपी के जरिए मरीज को बेहोश किए बिना उनकी आहार नली में स्टेंट प्रत्यारोपित किया. मरीज अब ठीक से भोजन करने लगे हैं और उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है.
तंबाकू और शराब का अधिक सेवन से हो सकती है यह बीमारी
खाने की नली का कैंसर एक सामान्य कैंसर है, जो महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक देखने को मिलता है. अगर इस बीमारी का समय पर निदान नहीं किया जाए तो, यह बीमारी पीड़ित व्यक्ति में असुविधा के साथ-साथ मृत्यु का कारण भी बन सकती है. अधिक मात्रा में तम्बाकू और शराब का सेवन, आहार नली के कैंसर के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. इसके अतिरिक्त अनेक प्रकार के कारक खाने की नली में कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं.
आहार नली के कैंसर के लक्षण:-
- अनियमित रूप से वजन में कमी आना
- खट्टी डकार आना
- सीने में जलन
- निगलने में दर्द या कठिनाई महसूस होना
- भोजन करते समय बार-बार घुटन होना
- उल्टी होना