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संगीत से कैसे हुआ यूनुस खान को प्यार, क्यों शैलेंद्र पर लिखी किताब? बताई वजह

यूनुस खान रेडियो का जाना-पहचाना नाम हैं. उन्होंने पिछले ढाई दशकों से विवध भारती के लिए सैकड़ों हस्तियों के इंटरव्यू किए हैं. रेडियो के लिए सिनेमा और संगीत प्रोग्राम लिखे हैं. 3 दशकों से सिनेमा के बारे यूनुस में लिख रहे हैं. सेशन के दौरान मॉडरेटर आशुतोष से बातचीत में यूनुस ने बताया कि संगीत से उनका लगाव कैसे हुआ.

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यूनुस खान (फोटो क्रेडिट: प्रेम सिंह बिष्ट)
यूनुस खान (फोटो क्रेडिट: प्रेम सिंह बिष्ट)

साहित्य आजतक 2024 का दूसरा दिन काफी बढ़िया रहा. इस इवेंट में विविध भारती के जाने-माने एंकर रहे यूनुस खान और गुजरे जमाने के आइकॉनिक गायक तलत महमूद की नातिन और पत्रकार सहर जमान ने शिरकत की. यूनुस यहां अपनी लिखी किताब 'उम्मीदों के गीतकार शैलेंद्र' का प्रचार करने पहुंचे थे. इस किताब के कवर से पर्दा भी यूनुस खान ने उठाया. वहीं सहर जमान, अपने नाना तलत महमूद की बायोग्राफी 'तलत महमूद द डेफिनिटिव बायोग्राफी' के प्रचार के लिए आई थीं. यहां उन्होंने कुछ गाने भी गुनगुनाए.

यूनुस खान रेडियो का जाना-पहचाना नाम हैं. उन्होंने पिछले ढाई दशकों से विव‍िध भारती के लिए सैकड़ों हस्तियों के इंटरव्यू किए हैं. रेडियो के लिए सिनेमा और संगीत प्रोग्राम लिखे हैं. 3 दशकों से सिनेमा के बारे यूनुस में लिख रहे हैं. सेशन के दौरान मॉडरेटर आशुतोष से बातचीत में यूनुस ने बताया कि संगीत से उनका लगाव कैसे हुआ.

कैसे संगीत से यूनुस को हुआ प्यार?

यूनुस खान ने कहा, 'मेरी परवरिश भोपाल की है. ये वो जमाना था जब टेलीविजन बहुत हौले-हौले आ रहा था. ब्लैक एंड व्हाइट टेलीविजन होता था. एक धारा हमेशा चला करती थी. वो ये होती थी कि अगर आपको शहर की सड़कों निकलें तो एक आवाज हमेशा आपके साथ चलेगी, और वो आवाज थी विवि‍ध भारती की आवाज, जो हमें घुट्टी में मिली. यानी के अनाउंसर बोला करता था कि गीतकार फलां हैं, संगीतकार फलां हैं, गायक फलां हैं, फिल्म का नाम ये है और ये गाना आ रहा है. ये जहन में चलता रहा. दूसरी चीज ये हूं कि भोपाल की तहजीब और घर का माहौल, ये तमाम चीजें मिलीं और मैं फिल्मी गीतों के गहरे समंदर में उतरता चला गया. तो मैं ये कहना चाहूंगा कि गानों ने मेरी जिंदगी पर बहुत गहरा असर डाला है.'

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इसी बातचीत में सहर जमान ने बताया कि वो पिछले 20-22 साल से मैं पत्रकार रह चुकी हैं. टीवी टुडे के साथ उन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में कुछ वक्त काम किया था. 2003-2004 में सहर हमारे साथ जुड़ी थीं. ऐसे में साहित्य आजतक 2024 का हिस्सा बनना उन्होंने अपनी घर वापसी बताया. साथ ही शैलेंद्र के लिखे गाने- 'है सबसे मधुर वो गीत जिन्हें हम दर्द के सुर में गाते हैं' भी गाया.

शैलेंद्र के बारे में क्यों लिखी किताब?

यूनुस से पूछा गया कि वो शैलेंद्र के इश्क में आप कैसे गिरफ्तार हो गए? इसपर उन्होंने ने कहा, 'ऐसा हुआ कि मैं किसी एक सीरीज पर काम कर रहा हूं, जिसमें अलग-अलग गीतकारों पर मुझे लिखना है. साल 2023 शैलेंद्र के 100 इयर्स का साल होने वाला था. तो तकरीबन 2021 के आखिर और 2022 की शुरुआत में मुझे ये लगा कि मुझे अपने सबसे फेवरेट गीतकार को सलाम करना है. अब सवाल ये था कि ये फॉर्मेट क्या हो. तो बहुत सोच-विचार करने के बाद मुझे ये समझ आया कि मुझे कुछ फिल्में चुननी हैं और उन फिल्मों में शैलेंद्र के गाने, सिचुएशन और किरदार के दायरे में किस तरह से अपने समय और अपने समाज की और उस आखिरी इंसान की बात करते हैं, जिसके साथ कोई नहीं खड़ा है.'

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उन्होंने आगे कहा, 'तो मैंने ऐसी कुछ फिल्मों का चुनाव किया और फिर पूरा साल 2022 मैं लिखता चला गया. तकरीबन 21 चैप्टर इसमें हैं. जिनमें 20 फिल्में हैं. एक चैप्टर प्रेम त्रिकोण वाली फिल्मों पर मैंने लिखा है. एक चैप्टर जो है वो शैलेंद्र का बहुत बड़ा योगदान भोजपुरी गानों में है. तो ये सारा है. उसके अलावा शैलेंद्र ने न सिर्फ सीरियस गाने लिख बल्कि उनके कॉमेडी के गानों का भी बहुत बड़ा पहलू है. तो ये किताब में है. और यहां एक और चीज मेरे जहन में आई, वो ये है कि 'सबसे मधुर गीत', ये गाना भी किस तरह से शैलेंद्र को उम्मीदों के गीतकार बताता है. इसीलिए मैंने अपनी किताब का नाम रखा है 'उम्मीदों के गीतकार शैलेंद्र'. ये वो गीतकार हैं जो हर स्थिति में उम्मीदों का दामन नहीं छोड़ता है.'

यूनुस ने सुनाए इंटरव्यू से जुड़े किस्से

विविध भारती में काम करते हुए यूनुस खान ने ढेरों सितारों के इंटरव्यू लिये थे. उन्होंने इस बारे में बात करते हुए कहा, 'मैं मानता हूं कि मैं बहुत खुशनसीब हूं कि मुझे लता मंगेशकर जी से बातचीत करने का मौका मिला. खय्याम साहब से भी मैंने बातचीत की थी. मुझे याद है विविध भारती में जो पहला इंटरव्यू किया था वो योगेश जी के साथ किया था. लता जी से मैं एक बार टेलिफोन पर इंटरव्यू कर रहा था. मैंने कहा कि मुझे पता है कि आपको पर्फ्यूम का शौक है. आप लोगों को गिफ्ट भी करती हैं. लता जी ने कहा कि घर आइए मैं आपको भी गिफ्ट करूंगी. ये सुनकर मेरे तो पसीने छूट गए थे.'

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एक और किस्सा सुनाते हुए उन्होंने कहा, 'एक बार लता जी ने एक इंटरव्यू से पहले मुझसे कहा था कि फिल्मी गानों के बारे में मत पूछना. अब आप सोचिए कि इतनी बड़ी गायिका से आप फिल्मी गीतों एक बारे में कैसे नहीं पूछेंगे.' यूनुस ने बताया कि उन्होंने उस दिन लता मंगेशकर से 40 मिनट बात की थी. इसमें उन्होंने क्रिकेट, ज्वेलरी डिजाइनिंग, साड़ियों, परफ्यूम संग अन्य चीजों पर बात की. इसमें दौरान एक भी बार गानों की बात नहीं हुई.

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