कहावत है कि ये दुनिया किताब की तरह है. इसलिए जो लोग घूमने का शौक नहीं रखते हैं, वो जिंदगी की किताब के बस एक पेज पर ही रह जाते हैं. जाहिर है कि हम सब जब भी घूमने जाते हैं, तो सिर्फ वादियां या हसीन नजारे नहीं देखते. घूमना जाना हमारी जिंदगी में बदलाव लाता है, मूड रिफ्रेश करता है और लाइफ को बोरिंग होने से बचाता है. साल 2014 में हमें कई लंबे वीकेंड मिले लेकिन अगर आप घर या दफ्तर के कामों में उलझे रहने की वजह से दोस्तों या घरवालों के साथ कोई ट्रिप प्लान नहीं कर पाए, तो निराश न हों. साल 2015 भी आपके लिए ऐसी ही सौगात ले आया है. तो सामने रखिए कैलेंडर, बैठिए फैमिली के साथ, पेन और पेपर उठाइए और शुरू कर दीजिए प्लानिंग.
1 से 4 जनवरी: साल के पहले दिन तो आपकी छुट्टी रहती ही होगी. उसके बाद अगर 2 जनवरी को आप एक कैजुअल लीव ले लेते हैं तो फिर 3 और 4 का तो शनिवार-रविवार है. इसका मतलब हुआ कि साल की शुरुआत में ही चार छुट्टियां! अब निकल जाइए गुलमर्ग की वादियों में स्किंग करने या जाकर राजस्थान की जवाई में तेंदुए और चीते देखिए.
23 से 26 जनवरी: शुक्रवार 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती के बाद 24-25 का वीकेंड है और उसके बाद आपको मिलती है 26 जनवरी की रिपब्लिक डे की छुट्टी. अब इन 4 दिनों में आप जयपुर में जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का आनंद उठा सकते हैं. पैसे जोड़ रखे हैं तो दुबई शॉपिंग फेस्टिवल का लुत्फ ही उठा आइए और हां, भूलिए मत कि इस सीजन में महाबलेश्वर में स्ट्राबेरी की अच्छी पैदावार होती है.
14 से 17 फरवरी: 14-15 के वीकेंड के साथ अगर आप 16 को एक छुट्टी लेते हैं तो 17 को महाशिवरात्री की छुट्टी भी उसमें जुड़ जाएगी. ये 4 दिन आप गोवा कार्निवल से लेकर जैसलमेर के म्यूजिक फेस्टिवल तक कहीं भी बिता सकते हैं.
6 से 8 मार्च: अगर इस बार फैमिली के साथ होली किसी अलग तरह से मनाने का इरादा है तो 6 मार्च की होली से लगा हुआ 7-8 का वीकेंड मिल रहा है. तो खुशी मन से हो आइए शांतिनिकेतन और लुत्फ लीजिए बसंत उत्सव (होली) का. वैसे ये सीजन कुर्ग और मसूरी के लिए भी बढ़िया रहेगा.
3 से 5 अप्रैल: गुड फ्राइडे, शनिवार और रविवार की ये सौगात आप प्लान कर सकते हैं जिम कॉर्बेट, रणथमबोर या बांदीपुर नेशनल पार्क में.
11 से 14 अप्रैल: 11-12 अप्रैल के वीकेंड से लगी एक छुट्टी अगर आप ले लेते हैं तो फिर 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती और तमिल न्यू ईयर ऑटोमेटिकली आपकी झोली में आ जाएगा और आप काफी समय से दार्जिलिंग भी नहीं गए हैं.

1 से 4 मई: 1 मई (शुक्रवार) को मजदूर दिवस और महाराष्ट्र डे के बाद 2 दिन का वीकेंड और फिर 4 मई (सोमवार) को बुद्ध पूर्णिमा. तो फिर इस बार मलेशिया या
शिलांग? वैसे ये टाइम गंगटोक में इंटरनेशनल फ्लावर फेस्टिवल का भी है. अभी से प्लान कर लीजिए, फूलों की खुशबी जिंदगी के एहसासों में रौनक लाती है.
15 से 18 अगस्त: 15-16 के वीकेंड के बाद 17 अगस्त को एक सिक लीव लगा दीजिए. 18 को पारसी न्यू ईयर है. निकल पड़िए फिर इस बार केरल के बैकवाटर का मजा उठाने, जहां आप आयुर्वेद का भी लुत्फ उठा सकते हैं.
17 से 20 सितंबर: 17 सितंबर को गणेश चतुर्थी के बाद 18 को आपको एक छुट्टी लेनी होगी. फिर 19-20 का तो वीकेंड है ही. तो ओमान हो या भूटान या फिर लंदन
का ओपन हाउस-फैमिली के साथ मजा ही मजा करने का अच्छा मौका है. हालांकि लंदन जाने के लिए आपको बजट के बारे में भी सोचना होगा.
24 से 27 सितंबर: 24 को बकरीद मनाने के बाद 25 की तो एक छुट्टी बनती है. फिर मिलता है 26-27 का वीकेंड. उन दिनों मौसम भी कुछ सुहाना सा होता है. निकालिए गाड़ी और चल दीजिए
राहें जहां भी आपको ले जाएं. खुशमिजाज लोग घूमने के लिए रास्ते खुद की ढूढ़ लेते हैं.
2 से 4 अक्टूबर: गांधी जयंती के साथ लगा हुआ ये वीकेंड आपको ऋषिकेश की रीवर राफ्टिंग और कमशेट की पैराग्लाइडिंग की तरफ जाने का बेहतरीन मौका देती है. बस इच्छा होनी चाहिए सरजी.
22 से 25 अक्टूबर: 22 को दशहरे के बाद लगाइए एक बार फिर सिक लीव और फिर 24-25 का वीकेंड भी आपका. तो इस बार दशहरा मैसूर में होगा या तरकारली जाकर डाइविंग करेंगे और डॉल्फिन देखेंगे?
7 से 15 नवंबर: 7-8 का वीकेंड, 9 का धनतेरस, 10 को नरक निवारण चतुर्दशी, 11 की दिवाली, 12 की एक कैजुअल लीव लगाइए. 13 को भाईदूज और फिर 14-15 का वीकेंड. कुल मिलाकर 9 दिन. पासपोर्ट उठाइए और वर्ल्ड मैप पर अपनी जेब को देखते हुए कनाडा, यूएस, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, केन्या, बोस्तवाना या साउथ अफ्रीका- जो जगह पसंद आए, चुन लीजिए.
24 से 27 दिसंबर: 24 की ईद-उल-मिलाद के बाद 25 का क्रिसमस और फिर 26-27 का वीकेंड. ये चार दिन साल भर की आपकी थकान उतारने और जोधपुर में अपने पार्टनर के साथ रोमांटिक शामें बिताने के लिए काफी हैं. तो अब देर किस बात की, जिंदगी के सफर को यादगार बनाने के लिए प्लानिंग शुरू कर दीजिए.