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शाकाहारी लोगों में क्यों अधिक बढ़ रहा मोटापा और डायबिटीज? रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा

रिसर्च में सामने आया है कि जो लोग नॉनवेज खाते हैं, उन लोगों की अपेक्षा वेजिटेरियन डाइट लेने वाले लोग, अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन करेंगे.

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आज के समय में प्लांट बेस्ट डाइट का चलन काफी बढ़ गया है. कई सेलेब्स भी मांसाहार को छोड़कर प्लांट बेस्ड डाइट लेना शुरू कर चुके हैं. ऐसे में हाल ही में एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि जो लोग नॉनवेज खाते हैं, उनकी अपेक्षा वेजिटेरियन फूड खाने वाले लोग अधिक अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड खाते हैं. यह जानकारी द लैंसेट में पब्लिश हुई रिसर्च 'प्लांट-बेस्ड डाइटरी पैटर्न और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट की खपत: यूके बायोबैंक का एक क्रॉस-सेक्शनल एनालेसिस' में बताई गई है. तो आइए अब विस्तार से जानते हैं...

क्या होते हैं अल्ट्रा प्रोसेसेड फूड?

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड (UPF) वे खाद्य पदार्थ होते हैं जिनमें आमतौर पर कृत्रिम कंपाउंड, प्रिजर्वेटिव, स्वाद बढ़ाने वाले रंग, और अन्य कैमिकल मिले होचे हैं. ऐसे खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन स्वास्थ्य पर काफी नकरात्मक प्रभाव डाल सकता है. 

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड में ट्रांस फैट, सोडियम, और शर्करा होती है, जो दिल की बीमारियों, हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकती हैं. ऐसे फूड्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स हाई होता है ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाते हैं इससे डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है.

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड में काफी कैलोरी, चीनी, अनहेल्दी फैट होता है. इनके अधिक सेवन से मोटापा और इससे संबंधित समस्याओं (जैसे हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर) का जोखिम बढ़ जाता है.

इनमें फाइबर की मात्रा बहुत कम होता है जिससे डाइजेशन प्रभावित हो सकती है और कब्ज जैसी समस्याएं हो सकती हैं. अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड में विटामिन, मिनरल्स और अन्य पोषक तत्वों की कमी होती है.

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कुछ रिसर्चों में यह पाया गया है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स का अत्यधिक सेवन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है, खासकर पित्ताशय और कोलोरेक्टल कैंसर.

क्या कहती है रिसर्च?

यूके बायोबैंक प्रोजेक्ट में करीब 2 लाख लोगों ने हिस्सा लिया था. उन्होंने इस बात पर रिसर्च की कि यूके के वयस्क रेड मीट, फ्लेक्सिटेरियन, पेस्केटेरियन, वेजिटेरियन और वीगन लोगों की तुलना में कितना अल्ट्रा-प्रोसेस्ड और कम प्रोसेस्ड फूड खाते हैं.

रिसर्च के जो रिजल्ट सामने आए वो चौंकाने वाले थे. सामने आया कि वेजिटेरियंस ने रेड मीट खाने वाले लोगों की तुलना में अधिक (1.3 प्रतिशत अधिक) अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड खाया और वहीं वीगन लोगों ने भी रोजाना रेड मीट खाने वाले लोगों की तुलना में अधिक (1.2 प्रतिशत अधिक) अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड खाया.

अनहेल्दी फैट और एडेटिव्स

आज के समय में प्लांट बेस्ड डाइट (दाल, चावल, ग्रेन) ताजे फल और सब्जियों के बराबर नहीं हो सकते. अक्सर जब लोग मांस खाने से बचते हैं तो वे इन प्रोसेस्ड फूड्स के ऑपशंस जैसे कि रेडी टू ईट मील, मीट सब्सीट्यूट्स से रिप्लेस कर लेते हैं जिनमें कैलोरी अधिक होती है, अनहेल्दी फैट, नमक, चीनी और सभी प्रकार के एडेटिव्स होते हैं.

पहले भी एक रिसर्च से पता चला था कि प्लांट बेस्ड अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स के सेवन से हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा अधिक होता है. इंटरनेशन एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) के रिसर्चर्स द्वारा वियना यूनिवर्सिटी (ऑस्ट्रिया) कोलैबोरेशन से की गई एक रिसर्च में पाया गया था कि अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स के अधिक सेवन से कैंसर और कार्डियोमेटाबोलिक मल्टीमॉर्बिडिटी का खतरा बढ़ जाता है.

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