
Paresh Rawal drank his urine: एक्टर और पूर्व भाजपा सांसद परेश रावल ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान एक दावा दिया है जिसके बाद से सोशल मीडिया पर इसकी खूब चर्चा हो रही है. इंटरव्यू में परेश ने दावा किया कि जब उन्हें चोट लगी थी तो उन्होंने खुद का पेशाब पीकर अपनी चोट को ठीक किया था और 15 दिन बाद जब डॉक्टर ने रिपोर्ट देखी तो वो भी हैरान थे. अब ऐसे में कई डॉक्टर्स ने परेश रावल के इस वीडियो को शेयर करते हुए अपनी राय रखी और बताया कि क्या ये तरीका सच में कारगर है? तो आइए जानते हैं पेशाब पीने को लेकर डॉक्टर्स का क्या कहना है?
क्या कहा परेश रावल ने?
परेश रावल ने द लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में कहा, 'जब मैं नानावटी (अस्पताल) में था, तब वीरू देवगन मुझसे मिलने आए थे और पूछा कि मुझे क्या हुआ है? मैंने उन्हें अपने पैर की चोट के बारे में बताया. उन्होंने मुझे सुबह उठकर सबसे पहले अपना पेशाब पीने को कहा. बोले, सभी फाइटर ऐसा करते हैं. आपको कभी कोई परेशानी नहीं होगी, बस सुबह उठकर सबसे पहले पेशाब पीना है. उन्होंने मुझे शराब, मटन या तंबाकू नहीं खाने को कहा, जो मैंने बंद कर दिया था. उन्होंने मुझे रोजाना भोजन और सुबह पेशाब पीने को कहा.'
'वो चले गए. दूसरे दिन मैंने सुबह अपने आपको तैयार किया. लेकिन मैंने ये सोचा था कि अगर मुझे यूरिन पीना ही है तो मैं उसे बीयर की तरह पियूंगा. क्योंकि अगर करना है तो पूरे तरीके से करना है. 15 दिन मैंने ये किया. पंद्रह दिन के बाद जब X-RAY निकाला गया तो डॉक्टर दंग रह गए कि ये कैसे हुआ?'
मिस्र, यूनान और रोमन के लोगों से फेमस हुई यूरिन थैरेपी?
पेशाब पीने की प्रथा को यूरोफैगी या यूरिन थैरेपी के रूप में जाना जाता है जो हजारों सालों से चली आ रही है. दावों से पता चलता है कि प्राचीन मिस्र, यूनान और रोमन लोगों ने भी इसका प्रयोग किया था. वे दावा करते थे कि इससे बीमारियों का इलाज हो सकता है.
1945 में, जॉन डब्ल्यू आर्मस्ट्रांग (John W. Armstrong) नामक एक ब्रिटिश प्राकृतिक चिकित्सक की बुक 'द वॉटर ऑफ लाइफ: ए ट्रीटीज ऑन यूरिन थेरेपी' ने यूरिन थैरेपी को फेमस बनाया था जिसमें दावा किया गया था कि यूरिन बड़ी बीमारियों को भी ठीक कर सकता है. हालांकि, मॉडर्न मेडिसिन इन दावों का समर्थन नहीं करती.
मेडिकली रूप से यूरिन एक अपशिष्ट उत्पाद है जो फिल्टर किए गए मेटाबॉलिक बायप्रोडक्ट से बनता है. शरीर इसे अवशोषित नहीं करता इसलिए किडनी फिल्टर करके इसे शरीर से बाहर निकालने के लिए ब्लैडर में भेज देती है. घुटने की चोट को ठीक करने के लिए पेशाब पीने के परेश रावल के दावे की डॉक्टर्स ने कड़ी निदा की है. उनका कहना है कि ऐसा करने से कई गंभीर स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं और इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण भी नहीं है.
डॉक्टर्स ने किया अलर्ट!
मैक्स हेल्थकेयर में एंडोक्राइनोलॉजी और डायबिटीज के चेयरमैन डॉ. अम्बरीश मिथल (Dr. Ambrish Mithal) ने अपनी बात रखते हुए X पर लिखा, 'एक फेमस एक्टर द्वारा इलाज के लिए अपना पेशाब पीने की बात करने का वीडियो देखकर मैं हैरान हूं. मुझे उल्टी आने लगती है. इससे भी बुरी बात यह है कि उनका कहना है कि उन्हें एक अन्य फेमस फिल्मी हस्ती ने ऐसा करने की सलाह दी थी. घृणित होने के अलावा, यह लाखों अज्ञानी भारतीयों के लिए भ्रामक है जिनमें से कुछ निश्चित रूप से इसका प्रयोग करेंगे. कृपया पेशाब न पिएं, न ही अपना या न ही किसी दूसरे का.'
दिल्ली के पीएसआरआई हॉस्पिटल के मेटाबोलिक और बैरिएट्रिक सर्जरी के डायरेक्टर डॉ. सुमीत शाह ने X पर लिखा, 'मशहूर हस्तियों की ऐसी बातों के प्रति मेरी सामान्य प्रतिक्रिया है कि उन्हें अनदेखा कर दिया जाए. अगर कोई व्यक्ति ऐसा करना चाहता है तो हमें इसकी परवाह क्यों है. उन्हें अपना खुद का, गाय या गधे का पेशाब पीने दें. डॉक्टर्स को इस तरह के लोगों रोकना बंद कर देना चाहिए क्योंकि देश के लोग चाहते ही नहीं हैं. अगर हम उनको सलाह देंगे तो वह मेडिकल साइंस और फॉर्मा इंडस्ट्रीज को गालियां देनी शुरू कर देंगे. हजारों ट्वीट्स आएंगे कि हम पुराने तरीकों को नकार रहे हैं. इसलिए जो लोग ऐसा कर रहे हैं मेरी उनको बस एक ही सलाह है, आप अपना देख लीजिए.'
डॉ. साइरिएक एबी फिलिप्स जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर 'द लिवर डॉक्टर' नाम से फेमस हैं, उन्होंने कहा, 'कृपया अपना या अन्य का यूरिन न पिएं क्योंकि एक बॉलीवुड एक्टर ऐसा करते हैं. इसका कोई साइंटिफिक प्रूफ नहीं है कि यूरिन पीने से कोई हेल्थ बेनिफिट होता है. यूरिन में टॉक्सिन्स होते हैं जिन्हें बाहर निकालने के लिए शरीर कड़ी मेहनत करता है.
'यूरिन का सेवन हानिकारक हो सकता है और उसमें मौजूद बैक्टीरिया, विषाक्त पदार्थों और अन्य खतरनाक पदार्थ ब्लडस्ट्रीम में प्रवेश कर सकते हैं. आपकी किडनी यूरिन के माध्यम से आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए बहुत मेहनत करती है. इसे वापस अंदर डालकर इसका अपमान न करें.'
बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड हॉस्पिटल के हार्ट डिसीज एक्सपर्ट डॉ. दीपक कृष्णमूर्ति ने भी X पर लिखा, 'स्वस्थ भोजन करें, एक्सरसाइज करें, नींद पूरी करें, स्ट्रेस कम करें, धूम्रपान न करें, शराब न पिएं, अपना या किसी और का मूत्र न पिएं.'
डॉक्टर्स की राय भी जानें

मुंबई (मुलुंड) के फोर्टिस हॉस्पिटल में क्रिटिकल केयर के डायरेक्टर डॉ. चरुदत्त वैती ने कहा, 'यूरिन थेरेपी में व्यक्ति अपने ही पेशाब का सेवन या त्वचा पर उसका उपयोग स्वास्थ्य लाभ के लिए करता है लेकिन इस पद्धति के पक्ष में कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है. पेशाब वास्तव में एक अपशिष्ट पदार्थ है जिसमें वे तत्व होते हैं जिन्हें हमारी किडनी शरीर से बाहर निकालती है. ऐसे पदार्थों को दोबारा शरीर में लाना संक्रमण, इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन और अन्य गंभीर दुष्परिणाम पैदा कर सकता है. मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि वे ऐसे अप्रमाणित दावों पर विश्वास करने की बजाय डॉक्टर की सलाह लें.'
मुंबई (खार) पी.डी. हिंदुजा हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च सेंटर के कंसल्टेंट ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. आदित्य खेमका (Dr. Aditya Khemka) का कहना है, 'परंपरागत रूप से, कुछ संस्कृतियों में गौमूत्र या स्वयं का मूत्र पीने को इलाज करने वाला पदार्थ माना जाता है. लेकिन मेडिकली रूप से मैं इससे पूरी तरह असहमत हूं. समय के साथ घुटने का दर्द स्वाभाविक रूप से ठीक हो सकता था. दर्द में उतार-चढ़ाव होता रहता है. हो सकता है कि सुधार संयोगवश हुआ हो, न कि पेशाब पीने के कारण.'
दिल्ली के सी.के. बिरला हॉस्पिटल में कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. विक्रम कालरा (Dr. Vikram Kalra) का कहना है, 'इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि पेशाब पीने से कोई बीमारी ठीक हो सकती है. पेशाब में अपशिष्ट पदार्थ, यूरिया, नमक और टॉक्सिन्स होते हैं जिन्हें शरीर ने जानबूझकर फिल्टर करके बाहर निकालने के लिए भेजा होता है. अब इन्हें (पेशाब) दोबारा शरीर में डालने से नुकसान हो सकता है. पेशाब पीने से संक्रमण हो सकता है, किडनी की कार्यप्रणाली खराब हो सकती है और शरीर में असंतुलन पैदा हो सकता है. मेयो क्लिनिक और अमेरिकन कैंसर सोसाइटी जैसी ऑर्गेनाइजेशन भी यूरिन थैरेपी का समर्थन नहीं करती हैं.आज की मॉडर्न मेडिसिन में काफी अच्छे, एविडेंस बेस्ड ट्रीटमेंट मौजूद हैं इसलिए हमेशा किसी हेल्थकेयर प्रोफेशनल की सलाह लेकर ही आगे बढ़ें.'
ऑर्थोपेडिक, स्पोर्ट्स मेडिसिन और जॉइंट रिप्लेसमेंट एक्सपर्ट डॉ. प्रतीक हेगड़े (Dr. Prateek Hegde) का कहना है, 'मेडिकली रूप से यूरिन को अपशिष्ट द्रव माना जाता है, जिसमें कोई औषधीय गुण नहीं होते. इसे पीने से किडनी को बिना किसी फायदे के यूरिन में मौजूद विषाक्त पदार्थों को फिर से फिल्टर करने के लिए मजबूर होना पड़ता है. यूरिन के सेवन से कोई स्वास्थ्य लाभ नहीं होता और इसमें नमक की अधिक मात्रा के कारण डिहाइड्रेशन की स्थिति और भी बदतर हो सकती है. इसलिए इसे न पीने पर जोर दिया जाता है.'
फोर्टिस हॉस्पिटल्स के कंसल्टेंट सर्जिकल गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. प्रणव होन्नावारा श्रीनिवासन (Dr. Pranav Honnavara Srinivasan) का कहना है, 'हम रिकवरी के संबंध में पर्सनल एक्सपीरियंस और पर्सनल च्वाइस की रिस्पेक्ट करते हैं लेकिन साइंस और मेडिकल की दृष्टि से इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि यूरिन पीने से फ्रैक्चर, लिगामेंट टियर या अन्य मस्कुलोस्केलेटल स्थितियों जैसी चोटों को ठीक करने में मदद मिलती है. यूरिन में इलेक्ट्रोलाइट्स, यूरिया और विटामिन की कुछ मात्रा जैसे कुछ तत्व होते हैं.
'ये ऐसे पदार्थ हैं जिन्हें शरीर पहले ही खत्म करने का फैसला कर चुका होता है. उन्हें फिर से शरीर में डालने से खासकर हड्डी या सॉफ्ट टिश्यूज के ट्रीटमेंट में कोई फायदा नहीं होता.प्रोटीन, विटामिन सी और डी, कैल्शियम और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर बैलेंस डाइट से शरीर को नेचुरल रूप से रिकवरी में मदद मिलती है. पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, शराब जैसे पदार्थों से दूर रहने से भी फायदा होता है. इनसे चोट से उबरने में मदद मिलती है.'
यदि आपको शरीर में कोई चोट लगी है या बीमार हैं तो अप्रमाणित घरेलू इलाजों के बचना चाहिए और पहले किसी हेल्थ प्रोफेशनल या डॉक्टर की सलाह ही लेनी चाहिए.