क्रिसमस का त्योहार सेंटा क्लॉस की एंट्री के बगैर बिल्कुल अधूरा है. घर हो या दफ्तर, सभी जगहों पर लोगों को सेंटा का बेसब्री से इंतजार रहता है. लाल रंग की पोशाक पहने सेंटा एक पोटली में लोगों के लिए ढेर सारे गिफ्ट लाता है. इसके बावजूद ज्यादातर लोगों को नहीं मालूम की सेंटा एक वास्तविक किरदार थे. आइए क्रिसमस के मौके पर आपको बताते हैं कि आखिर सेंटा कौन थे और क्रिसमस पर गिफ्ट बांटने से उनका क्या कनेक्शन है.
कौन थे सेंटा- बच्चों को गिफ्ट बांटने वाला सेंटा कोई काल्पनिक किरदार नहीं है. दरअसल, संत निकोलस को सेंट के रूप में जाना जाता है. संत निकोलस एक भिक्षु थे जो घूम-घूमकर गरीबों और बीमारों की मदद करते थे. वो यूरोप के सबसे लोकप्रिय संतों में से एक थे.
हमेशा से गिफ्ट नहीं बांटते थे सेंटा- बहुत पहले अमेरिका में क्रिसमस को छुट्टी की तरह नहीं देखा जाता था और ना ही गिफ्ट देने की परंपरा थी. इस तरह जश्न मनाने की शुरुआत इंग्लैंड से हुई. तबसे इस दिन परिवार के सभी लोग एक साथ इकट्ठा होते हैं और एकसाथ मिलकर क्रिसमस सेलिब्रेट करते हैं.
कैसे दिखते थे सेंटा- ऐसी कल्पना की जाती है कि सेंटा गोल-मटोल से दिखते थे. हालांकि 1809 में वॉशिंगटन इर्विंग लेखक ने अपनी किताब में सेंटा के बारे में बताया है कि संत निकोलस एक स्लिम फिगर वाले व्यक्ति थे जो अच्छे बच्चों को गिफ्ट देने आते थे.
हमेशा लाल पोशाक नहीं पहनते सेंटा- ऐसा माना जाता है कि सेंटा हमेशा लाल रंग के कपड़ों में आते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. 19वीं शताब्दी में कुछ चित्रों से पता चलता है कि सेंटा कई तरह के रंग-बिरंगे कपड़े पहनते थे और झाड़ू लेकर चलते थे.
बारहसिंगा से सेंटा की दोस्ती- बारहसिंगा को सेंटा क्लॉस की सवारी माना जाता है. ऐसा कहते हैं कि सेंटा का पसंदीदा बारहसिंगा 80 साल का रुडोल्फ था. लेखक रॉबर्ट का कहना है कि रुडोल्फ बच्चों को गिफ्ट पहुंचाने में सेंटा की मदद करता था.
कुंवारे या मैरिड थे सेंटा- सेंटा एक हंसमुख और सिंगल व्यक्ति थे जो बच्चों को गिफ्ट देना पसंद करते थे. हालांकि इस पर मतभेद है. कहा जाता है कि सालों बाद सेंटा ने जेम्स रीस नाम की महिला से शादी कर ली थी. वो भी बाद में सेंटा की तरह ही प्रसिद्ध हुईं.
सेंटा के कई नाम- वैसे तो सेंटा को सेंटा क्लॉस नाम से ही जाना जाता है, लेकिन कुछ जगहों पर उन्हें जॉली ओल्ड, सैंट निक, फादर क्रिसमस, ओल्ड मैन क्रिसमस और क्रिस क्रिंगल के नाम से भी जाना जाता है.
मोजे में रखकर देते हैं गिफ्ट- ऐसा कहते हैं कि सेंटा चुपके से आते हैं और सोते हुए बच्चों के तकिए के नीचे गिफ्ट रखकर चले जाते हैं. सेंटा बच्चों के मोजे में भी गिफ्ट रखकर जाते हैं. इसलिए कई जगह घरों के बाहर मोजे टांगने की परंपरा है ताकि सेंटा आकर इसमें गिफ्ट रखकर जाएं.
शैतान बच्चों को सजा- सेंटा अच्छे बच्चों को गिफ्ट देते हैं, लेकिन वो शैतान बच्चों को गिफ्ट नहीं देते हैं. ऐसा कहते हैं कि सेंटा ऐसे बच्चों के मोजे में कोयला रखकर जाता है.