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CJI के साथ नोकझोंक का मामला, विकास सिंह के पक्ष में एकजुट हुआ SCBA, सिब्बल और कौल से मांगी सफाई

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और सुप्रीम कोर्ट की बार CJI और SCBA अध्यक्ष के बीच तीखी नोकझोंक: SCBA अपने अध्यक्ष के साथ एकजुटता व्यक्त करने के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए GBM बुलाएगा

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बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह

पिछले हफ्ते ही चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के अध्यक्ष और एडवोकेट विकास सिंह (Vikas Singh) के बीच सुनवाई के दौरान तीखी नोकझोंक हुई थी. बहस के बाद सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और नीरज किशन कौल ने सीजेआई से माफी मांगी थी. अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने अपने अध्यक्ष के प्रति एकजुटता दिखाई है. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने बैठक कर कपिल सिब्बल और एनके कौल से स्पष्टीकरण मांगा है.

बार  एसोसिएशन का बयान
06 मार्च, 2023 को आयोजित बैठक के बाद बार एसोशिएसन की तरफ से बयान जारी कर कहा गया, 'मांगों को ध्यान में रखते हुए 06 मार्च, 2023 को आयोजित बैठक में कई प्रस्तावों पर विचार किया गया. एससीबीए के 184 सदस्यों ने अध्यक्ष के पक्ष में एकजुटता दिखाते हुए प्रस्ताव पेश किया और 235 सदस्यों ने सिब्बल और कौल से स्पष्टीकरण मांगने का प्रस्ताव रखा.'

बार एसोसिएशन (SCBA) ने कहा कि चीफ जस्टिस के समक्ष एससीबीए अध्यक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दे पर एससीबीए पूरी तरह एकजुट हैं. बयान में कहा गया है कि संबंधित सदस्यों (सिब्बल और कौल) को उचित कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है. बयान के मुताबिक, न्यायिक कार्यवाही में SCBA द्वारा लिए गए स्टैंड का विरोध करने के लिए बार के किसी सदस्य की कड़ी निंदा की जानी चाहिए और भविष्य में ऐसे सदस्य के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.

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विकास सिंह और सीजेआई के बीच हुई थी बहस

विकास सिंह ने बार के एक मामले को चीफ जस्टिस के सामने रखा कहा कहा कि बार की सुविधाओं से जुड़े सुप्रीम टावर बनाने को लेकर वो छह बार इस कोर्ट में रख चुके हैं लेकिन अदालत सुनवाई नहीं कर रही है, अब हार कर उन्हें सीजेआई के आवास के सामने धरना देना पड़ेगा. इसके बाद चीफ जस्टिस भड़क गए थे. सीजेआई ने कहा था कि मैं 22 साल से पेशे में हूं लेकिन ऐसा बर्ताव पहले कभी नहीं देखा. उन्होंने कहा कि मामले की सुनवाई की तारीख 17 मार्च को ही होगी. सिंह ने मांग की थी कि मामले को आइटम नंबर 1 के रूप में सूचीबद्ध किया जाए।

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