बिजनौर की पॉक्सो अदालत ने एक अहम फैसला सुनाते हुए झूठा मामला दर्ज कराने वाली महिला को सजा सुनाई है. महिला ने अपनी नाबालिग बेटी के नाम पर गांव के तीन युवकों पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था, लेकिन अदालत में गवाही के दौरान खुद अपने बयान से पलट गई.
मामला वर्ष 2020 का है, जब शाहजहां निवासी महिला ने प्रदीप कुमार, रोहित और जयकुमार के खिलाफ पॉक्सो और अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया था. महिला ने आरोप लगाया था कि उसकी बेटी के साथ छेड़छाड़ और धमकी दी गई.
पॉक्सो अदालत में महिला ने दी झूठी गवाही
मामला अदालत पहुंचा, लेकिन जब गवाही शुरू हुई तो महिला ने खुद बताया कि यह केस गांववालों के कहने पर दर्ज कराया गया था और अब मामला निपटा लिया गया है। पीड़िता और अन्य गवाहों ने भी अपने पुराने बयान से मुकरते हुए किसी भी आरोप की पुष्टि नहीं की.
इस पर अदालत ने सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया और झूठी शिकायत देने पर महिला शाहजहां के खिलाफ भारतीय न्याया संहिता की धारा 383 बीएनएसएस के तहत कार्रवाई की.
महिला को तीन महीने जेल और जुर्माना
विशेष न्यायाधीश कल्पना पांडे ने कहा कि कानून का दुरुपयोग करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कोई भी हो. उन्होंने महिला को तीन महीने जेल और जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि ऐसे मामलों से न्याय व्यवस्था कमजोर होती है और बच्चों को ढाल बनाना बेहद खतरनाक प्रवृत्ति है.