हंसी आपको मानसिक तौर पर स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाती है. इसीलिए हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ ऐसे मजेदार जोक्स, जिन्हें पढ़कर आप लोटपोट हो जाएंगे. तो चलिए शुरू करते हैं हंसने-हंसाने का ये सिलसिला.
> बेटा बीयर पीकर घर लौटा था
पापा की डांट से बचने के लिए लैपटॉप खोलकर पढ़ने लगा.
पापा- बेटा तू फिर से पीकर आया है?
बेटा- नहीं पापा मैंने नहीं पी है
पापा- तो फिर सूटकेस खोलकर क्या पढ़ रहा है?
> टीटू- अपने पड़ोसी दोस्त शौंटी से बोला- आज सुबह तुम्हारे कुत्ते ने मेरी किताब फाड़ दी.
शौंटी- मैं उसे अभी सजा देता हूं.
टीटू- रहने दे भाई, मैंने सजा दे दी है.
शौंटी- चौंकते हुए, कैसे?
टीटू- मैंने उसके कटोरे का दूध पी लिया.
> ज्योतिषी टीटू का हाथ देखकर- बेटा तुम बहुत पढ़ोगे.
टीटू- पढ़ तो मैं 4 साल से रहा हूं, ये बताओ कि पास कब होऊंगा.
> पिताजी- कहां हो बेटे?
पिंकू- हॉस्टल में पढ़ रहा हूं, एग्जाम बहुत नजदीक है
इसलिये बहुत पढ़ना पड़ता है!!! आप कहां हो?
पिताजी- ठेके पे..तेरे पीछे लाइन में लास्ट में खड़ा हूं
एक हाफ मेरा भी ले लेना.
> मोनू- जितना आपकी बेटी 1 महीने में उड़ाती है,
1 हफ़्ते में मेरी गाड़ी उतना तेल खाती है
लड़की का बाप- ऐसी कौन सी गाड़ी चलाता है?
मोनू- रोडरोलर.
> एक आदमी कॉकरोच को मार रहा था
मरने से पहले कॉकरोच ने आदमी से आखिरी बार बोला- मार दे मुझे डरपोक कहीं के.
तू मुझसे इसलिए चिढ़ता है क्योंकि तेरी बीवी मुझसे डरती है और तुझसे नहीं.
कॉकरोच को मारना केंसिल.
> नौकर- सेठ जी मैंने आपको जलते मकान से निकालकर जलने से बचाया था,
इसलिए 100 रुपये दीजिए.
मालिक- यह लो 50 रुपये.
नौकर- पचास ही क्यों?
मालिक- क्योंकि उस वक्त मैं अधमरा था.
(डिस्क्लेमरः इस सेक्शन के लिए चुटकुले वॉट्सऐप व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर हो रहे पॉपुलर कंटेंट से लिए गए हैं. इनका मकसद सिर्फ लोगों को थोड़ा गुदगुदाना है. किसी जाति, धर्म, मत, नस्ल, रंग या लिंग के आधार पर किसी का उपहास उड़ाना, उसे नीचा दिखाना या उसपर टीका-टिप्पणी करना हमारा उद्देश्य कतई नहीं है.)