03 जून 1947 ये वो तारीख थी जब भारत के 40 करोड़ लोगों की आज़ादी पर मुहर लग गई और साथ ही मुहम्मद अली जिन्हा का भारत के टुकड़े कर पाकिस्तान बनाने का नापाक सपना भी साकार हो गया. तारीख तय हुई 15 अगस्त 1947. लेकिन आज़ाद होने से पहले दोनों मुल्कों का बंटवारा करने के लिए महज़ 73 दिन का वक्त दिया गया. लेकिन ये बंटवारा इतना आसान नहीं था. ज़मीन का बंटावारा, कौमों का बंटवारा, दरियाओं का बंटवारा इसके अलावा नकद धन का विभाजन, रिज़र्व बैंक के तहखाने में पड़ी सोने की ईंटें, मैले फटे नोट और देश के सुदूरतम कोने में नागा आदिवासियों के इलाके में छोटे से बंगले में डिप्टी कमिश्नर की संदूकची में रखे मैले कुचैले डाक के एक-एक टिकट तक हर चीज़ का बंटवारा होना था. इसके अलावा भी और कई चीज़ों का बंटवारा किया जाना था. नमस्कार मैं हूं भूपेंद्र सोनी और आज किस्सा आजतक पर मैं सुनाऊंगा आपको किस्स उन तमाम बंटवारों का जो भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के वक्त किए गए.