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'स्वास्थ्यकर्मी ने मांगी रिश्वत...', CM योगी के कार्यक्रम में घुसकर दंपति ने किया हंगामा, पुलिस ने निकाला बाहर

मुरादाबाद में सीएम योगी के समारोह में अचानक से एक दंपति घुस गया और हंगामा करने लगा. पुलिसकर्मियों ने दंपति को उनकी बच्ची समेत समारोह से बाहर निकाल दिया. जब पता चला कि महिला बीमार है तो उसे जिला अस्पताल पहुंचाकर भर्ती करवाया गया. दरअसल, महिला का आरोप है कि इलाज की एवज में उससे रिश्वत मांगी जा रही है.

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पुलिस ने जिला अस्पताल में महिला को करवाया भर्ती.
पुलिस ने जिला अस्पताल में महिला को करवाया भर्ती.

मुरादाबाद में शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर आयोजित समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे. इसी बीच समारोह में सीएम योगी से मिलने के लिए रामपुर जिले से छोटी बच्ची सहित एक दंपति अचानक घुस गया. यह देखते ही वहां तैनात पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया. उन्होंने दंपति को सीएम से मिलने नहीं दिया, जिसके बाद दंपति ने हंगामा करना शुरू कर दिया. यह सब देखते हुए पुलिसकर्मियों ने बच्ची समेत दंपति को समारोह से बाहर निकाल दिया.

जब पता चला कि महिला बीमार है तो पुलिस ने उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचाकर भर्ती करवाया. महिला ने बताया कि उसके पित्त में पथरी है और रामपुर में कोई भी सर्जन न होने के कारण वह मुरादाबाद पहुंची थी, जहां पर महिला को ऑपरेशन के लिए कहा गया. लेकिन उसे अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया जिसके कारण वे किराए का मकान लेकर वहां रह रहे हैं.

स्वास्थ्यकर्मी पर लगाया आरोप
वे लोग पिछले 10 दिन से मुरादाबाद के जिला अस्पताल का चक्कर काट रहे हैं ताकि उसे अस्पताल में भर्ती कर लिया जाए और उसका जल्द से जल्द ऑपरेशन किया जाए. महिला ने बताया कि उसकी बीमारी के कारण उसका पति काम के लिए भी नहीं जा पा रहा है. वे लोग काफी गरीब हैं और पति मजदूरी का काम करके ही परिवार को पालता है. ऐसे में काम पर न जाने के कारण उनके पास पैसे नहीं बचे हैं. महिला का आरोप है कि जब एक स्वास्थ्यकर्मी से उन लोगों ने जल्द से जल्द इलाज करवाने की मदद मांगी तो स्वास्थ्यकर्मी उनसे रिश्वत मांगने लगा.

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आरोप सिद्ध होने पर होगी सख्त कार्रवाई
वहीं, इस पूरे मामले को लेकर सीएमएस डॉ. एन के गुप्ता का कहना है कि पीड़िता ने एक स्वास्थ्य कर्मी पर पैसे मांगने का आरोप लगाया है. इस पूरे मामले की जांच के लिए डॉक्टर राजेन्द्र कुमार अध्यक्षता में तीन सदस्यों की टीम बनाई गई है. अगर आरोप सही पाए गए तो उक्त कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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