महाराष्ट्र से चलकर गोवा पहुंची बगावत की बयार अब उत्तर प्रदेश भी पहुंच गई है. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) प्रमुख ओम प्रकाश राजभर को बड़ा झटका देते हुए दल के उपाध्यक्ष ने उनका साथ छोड़ दिया है. पार्टी उपाध्यक्ष शशि प्रताप सिंह ने गंभीर आरोप लगाते हुए राजभर की पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.
पार्टी छोड़ते ही शशि प्रताप सिंह ने कहा, 'ओमप्रकाश राजभर केवल अपने बेटे और पत्नी को आगे बढ़ाना चाहते हैं. वह देश के सबसे बड़े झूठे नेता हैं' बता दें कि आज (12 जुलाई) ओम प्रकाश राजभर राष्ट्रपति चुनाव को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे, लेकिन उपाध्यक्ष के पार्टी छोड़ने के बाद इसे रद्द कर दिया गया है.
राजभर ने दिए थे मुर्मू को वोट देने के संकेत
ओमप्रकाश राजभर ने राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को वोट देने का संकेत दिया था. 9 जुलाई को NDA की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू लखनऊ पहुंचीं थीं. उनके सम्मान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रात्रिभोज का आयोजन किया था. इसमें सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर, शिवपाल यादव, राजा भैया और बसपा विधायक भी शामिल हुए थे. चारों नेताओं की उपस्थिति ने राजनीतिक समीकरण बदलने के संकेत दिए थे.
सपा से दूरी बढ़ना तय!
समाजवादी गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाले राजभर के NDA की बैठक में पहुंचने से सियासत गर्मा गई थी. कयास लगाए जा रहे थे कि राजभर के शामिल होने से सपा गठबंधन में दरार बढ़ना तय है. एनडीए की उम्मीदवार को Jansatta Dal (Loktantrik) के दोनों विधायकों ने भी समर्थन देने की बात कही थी. पार्टी प्रमुख रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया ने इसका ऐलान किया था.
शिवपाल भी पहुंचे थे रात्रिभोज में
राजा भैया ने कहा था कि एनडीए के उम्मीदवार का समर्थन देना वक्त के हिसाब से जरूरी है. रात्रिभोज में बसपा विधायक उमाशंकर भी शामिल हुए हैं. राजा भैया ने मीडिया से बातचीत में पुष्टि की थी कि वह, राजभर, शिवपाल यादव और उमा शंकर सिंह रात्रिभोज में शामिल हुए थे.
सपा ने बैठक में नहीं बुलाया: राजभर
सपा कार्यालय में राष्ट्रपति चुनाव की बैठक में ना बुलाए जाने पर सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का बयान सामने आया था. उन्होंने कहा था कि मुझे ना फोन किया, ना बैठक में बुलाया. शिवपाल यादव को भी नहीं बुलाया गया. हम 6 लोग बैठकर इंतजार करते रहे. हम गठबंधन का धर्म निभाना चाहते हैं.