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इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्र संघ अध्यक्ष को मिला नौ सांसदों का साथ

ऋचा सिंह का साथ देने के लिए आठ राजनीतिक दलों के नौ सांसदों ने एकजुटता दिखाई है. सांसदों ने एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर कर ऋचा के लिए इंसाफ की मांग की है. सांसदों ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के वीसी पर केंद्र की बीजेपी सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है.

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ऋचा के साथ नौ सांसदों ने एकजुटता दिखाई
ऋचा के साथ नौ सांसदों ने एकजुटता दिखाई

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन की पहली महिला अध्यक्ष ऋचा सिंह के डीफिल एडमिशन को लेकर विवाद के बाद कई सांसद उनके समर्थन में आए हैं. ऋचा ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर एबीवीपी के इशारे पर काम करने और उसे प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इशारे पर यूनिवर्सिटी के वीसी काम कर रहे हैं.

केंद्र पर शिक्षा के भगवाकरण का आरोप
ऋचा का साथ देने के लिए आठ राजनीतिक दलों के नौ सांसदों ने एकजुटता दिखाई है. सांसदों ने एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर कर ऋचा के लिए इंसाफ की मांग की है. सांसदों ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के वीसी पर केंद्र की बीजेपी सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है. उन सबने कहा है कि मोदी सरकार शैक्षणिक संस्थानों के भगवाकरण की कोशिश कर रही है.

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इन सांसदों ने दिए संयुक्त बयान
संयुक्त बयान पर विपक्ष के नौ सांसदों ने सहमति जताई है. बयान पर जेडीयू सांसद केसी त्यागी, कांग्रेस के जयराम रमेश और राजीव शुक्ला, सीपीआई से डी राजा, सपा से जावेद अली खान, सीपीएम से सीताराम येचुरी, डीएमके की तिरुचि शिवा, आम आदमी पार्टी से भगवंत मान और आरजेडी से जयप्रकाश यादव ने हस्ताक्षर किए हैं.

योगी को रोककर सुर्खियों में आईं ऋचा
उन्होंने कहा कि इस बात का अहसास हो रहा है कि दूसरी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में आरएसएस और एबीवीपी की तरह सोच न रखने वाले छात्र-छात्राओं के साथ क्या हो रहा होगा? इससे पहले बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ के कैंपस में कार्यक्रम नहीं होने देने को लेकर ऋचा खबरों में आईं थीं.

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