उत्तर प्रदेश के जनपद मुरादाबाद में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने मुरादाबाद नगर निगम पर 18 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. मुरादाबाद से सटकर बहने वाली रामगंगा नदी में शहर के नालों का गंदा पानी डालने को लेकर मुरादाबाद नगर निगम पर कार्रवाई हुई है. शहर के 24 बड़े गंदे नालों का पानी बिना शोधित किए रामगंगा नदी में गिराने पर यह जुर्माना लगाया गया है.
मुरादाबाद में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक मार्च 2019 में मुरादाबाद नगर आयुक्त को निर्देश दिया गया था कि नालों के पानी को शुद्ध करके रामगंगा में गिराया जाए. जब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने निरीक्षण किया तो मुरादाबाद शहर के 18 गंदे नाले रामगंगा में बहते नजर आए. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर निगम पर 18 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाते हुए नालों के गंदे पानी को शुद्ध कर रामगंगा नदी में बहाए जाने का निर्देश दिया.
मुरादाबाद में 24 नाले नदीं में गिराए जाते हैं. प्रदूषण बोर्ड ने निगम को निर्देश दिया था कि गंदा पानी शुद्ध किया जाए नहीं तो कार्रवाई की जाएगी. औचक निरीक्षण में मात्र छह नाले ही शुद्ध पानी गिराते नजर आए, बाकी के 18 नाले गंदे पाए गए. इस पर कार्रवाई करते हुए प्रदूषण बोर्ड ने निगम पर 18 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया. यह भी हिदायत दी गई कि गंदे पानी को शुद्ध करने के बाद ही नदी में डाला जाए.
यहां के लोगों में कार्रवाई से खुशी देखी जा रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार गंगा सफाई अभियान जैसे काम कर रही है जबकि गंदे नाले खुलेआम नदियों में गिराए जा रहे हैं. लोगों का कहना है कि जुर्माना लगाने का काम ठीक है क्योंकि इससे रामगंगा नदी दूषित होने से बचेगी और नाले अपना पानी शुद्ध करके ही गिराएंगे.