क्रिकेटर से नेता बने मोहम्मद अजहरुद्दीन को लोकसभा पहुंचाने वाली मुरादाबाद लोकसभा सीट पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल इलाकों में से एक है और राजनीतिक मायनों से इस सीट की काफी अहमियत है. मुरादाबाद सीट एक समय कांग्रेस का गढ़ रहा था बाद में यह सीट समाजवादी पार्टी के कब्जे में रही, लेकिन 2014 में पहली बार यहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जीत का परचम लहराया और कुंवर सर्वेश कुमार सांसद चुने गए.
मुरादाबाद लोकसभा सीट से इस बार 13 उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला बीजेपी के निवर्तमान सांसद कुंवर सर्वेश कुमार का कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी और समाजवादी पार्टी के डॉक्टर एसटी हसन के बीच है. हसन पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे थे. मैदान में 4 निर्दलीय उम्मीदवारों के अलावा 6 क्षेत्रीय दलों के उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. राज्य में सपा का बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन है जिस कारण बसपा ने यहां से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है.
पीतल नगरी नाम से भी मशहूर मुरादाबाद लोकसभा सीट का इतिहास 1952 से ही जारी है. यहां पर पहली बार 1952 में लोकसभा चुनाव हुए. लगातार दो बार यहां से कांग्रेस ने जीत दर्ज की. 1967 और 1971 में ये सीट भारतीय जनसंघ के खाते में गई. इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में यहां से चौधरी चरण सिंह की पार्टी भारतीय लोकदल ने जीत दर्ज की थी. 1980 में एक बार फिर जनता दल ने यहां से जीत हासिल की, लेकिन 1984 में देश में चली कांग्रेस की लहर में सीट फिर कांग्रेस के खाते में गई.
फिर 1989 और 1991 में यह लोकसभा सीट जनता दल के खाते में, 1996 और 1998 में समाजवादी पार्टी के खाते में गई. कांग्रेस से टूटकर बनी जगदंबिका पाल की अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस ने 1999 चुनाव में इस सीट से जीत दर्ज की थी. 2004 में इस सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा हुआ तो वहीं 2009 में पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन यहां से सांसद चुने गए. 2014 में भारतीय जनता पार्टी पहली बार यहां से जीती थी.
मुस्लिम वोटर्स बहुतायत
मुरादाबाद लोकसभा सीट पर सत्ता की चाबी मुस्लिम वोटरों के हाथ में मानी जाती है. यहां पर कुल 52.14% हिंदू और 47.12% मुस्लिम जनसंख्या है. 2014 में इस सीट पर कुल 17 लाख से अधिक वोटर थे. इनमें 9,61,962 पुरुष और 8,10,084 महिला वोटर थे. पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कुल 63.7 फीसदी मतदान हुआ था.
मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र में कुल पांच विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें बढ़ापुर, कांठ, ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद ग्रामीण और मुरादाबाद नगर शामिल हैं. इन पांच में मुरादाबाद ग्रामीण और ठाकुरद्वारा 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के खाते में गई थीं जबकि बाकी तीन सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कब्जा किया था.
2014 में पहली बार बीजेपी
2014 में पहली बार मुरादाबाद लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की जीत हुई. उत्तर प्रदेश में बीजेपी 71 सीटें जीत कर आई थी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उसने क्लीन स्वीप किया था. कुंवर सर्वेश कुमार ने अपने प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी के डॉ. एसटी हसन को मात दी थी. सर्वेश कुमार ने करीब 87 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस इस सीट पर पांचवें नंबर पर रही थे.
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