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'पलायन नहीं, पराक्रम करेंगे'... कानपुर के चंद्रेश्वर हाते में लगा पोस्टर, यहीं से शुरू हुई थी पत्थरबाजी

Kanpur Violence Latest Update: कानपुर हिंसा के मुख्य इलाके नई सड़क के चंद्रेश्वर हाता में रहने वाले लोगों ने एक पोस्टर लगाया है. इस पोस्टर पर हनुमानजी की तस्वीर है और लिखा है- पलायन नहीं, पराक्रम करेंगे.

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चंद्रेश्वर हाते में लगाए गए पोस्टर
चंद्रेश्वर हाते में लगाए गए पोस्टर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लोगों को आरोप- जमीन कब्जा करना चाहते हैं भू-माफिया
  • लोगों ने लगाया पोस्टर, कहा- पलायन नहीं, पराक्रम करेंगे

उत्तर प्रदेश के कानपुर में हिंसा के 6 दिन बीत चुके हैं और माहौल शांतिपूर्ण है. इस बीच कानपुर हिंसा के मुख्य इलाके नई सड़क के चंद्रेश्वर हाता में रहने वाले लोगों ने एक पोस्टर लगाया है. इस पोस्टर पर हनुमानजी की तस्वीर है और लिखा है- पलायन नहीं, पराक्रम करेंगे. चंद्रेश्वर हाता वही इलाका है, जहां पर पिछले शुक्रवार को पत्थरबाजी की शुरुआत हुई थी.

स्थानीय लोगों का आरोप है कि चंद्रेश्वर हाता में रहने वाले परिवारों को हटाकर अरबों रुपये की जमीन पर दूसरे संप्रदाय के भू माफिया कब्जा करना चाहते हैं. शुक्रवार को हुई हिंसा के दौरान भी चंद्रेश्वर हाता से ही पत्थरबाजी की शुरूआत हुई थी. पत्थरबाजी के बाद हाता इलाके में रहने वाले लोगों ने दूसरे संप्रदाय के लोगों पर साजिश का आरोप लगाया था.

कानपुर के जिस इलाके में 3 जून को पत्थर बरसाए गए थे, जिस चंद्रेश्वर हाता पर लोगों को टारगेट किया गया था, अब वहां हालात बदल रहा है. उसी बदलती तस्वीर की गवाही दे रहा है ये पोस्टर, जिस पर लिखा है- अब पलायन नहीं, पराक्रम करेंगे.
हिंसा के जरिए जो खौफ चंद्रेश्वर हाता के लोगों को दिखाया गया था, उससे बेखौफ होने लगा है चंद्रेश्वर हाता.

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नई सड़क इलाके में हिंसा का मुख्य टारगेट था चंद्रेश्वर हाता इलाका. यहीं पहले पत्थरबाजी शुरू हुई थी. पथराव और तनाव के बाद यहां रहने वाले परिवारों ने आरोप लगाया था कि इनकी अरबों की जमीन हड़पने के लिए ही दूसरे समुदाय के भू माफियाओं ने 3 जून को उपद्रव करवाया. इस चंद्रेश्वर हाता पर आसपास की ऊंची इमारतों से खूब पत्थरबाजी हुई थी.

सीसीटीवी में पत्थरबाजों का चेहरा कैद भी है. बुधवार को चंद्रेश्वर हालात इलाके में बुलडोजर पहुंचा था. वहां से हिंसा में इस्तेमाल किए गए पत्थरों को बुलडोजर और ट्रक की मदद से हटाया गया. हिंसा को लेकर उठ रहे सवालों के बीच पुलिस कुल 54 लोगों को गिरफ्तार चुकी है. उपद्रवियों की तस्वीरों वाले पोस्टर जारी कर उनकी पहचान की जा रही है.

मुख्य आरोपी जफर हयात हाशमी भी पुलिस की गिरफ्त में है, लेकिन अब तक तमाम सवालों का जवाब नहीं मिला है. पुलिस कोशिश में है कि उसे जफर हयात हाशमी और तीन अन्य आरोपियों की 14 दिन की रिमांड मिल जाए. मामला कोर्ट में है, जिस पर एक-दो दिन में कोई फैसला आ सकता है. 

पुलिस के सामने कई चुनौती है. PFI का लिंक सामने आने के बाद सबसे अहम चुनौती इस कनेक्शन की गुत्थी सुलझाने की है. जितने बड़े पैमाने पर 3 जून को हिंसा हुई, उसमें कहीं ना कहीं बड़ी साजिश की बू आती है. कानपुर हिंसा में कई नाबालिगों के नाम भी सामने आए हैं. उनमें से एक नाबालिग ने दो दिन पहले थाने जाकर सरेंडर भी किया.

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