
भारत-जापान की दोस्ती का प्रतीक और देश का सबसे बड़ा अत्याधुनिक कन्वेंशन सेंटर पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में 186 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हो चुका है. 1,200 लोगों की क्षमता वाले रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का उद्धाटन जल्द होने वाला है. इस कन्वेंशन सेंटर में बड़े म्यूजिक कॉन्सर्ट, कांफ्रेंस, नाटक हो सकेंगे और प्रदर्शनियां भी लग सकेंगी.
रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर की नींव 2015 में उस समय पड़ी जब तत्कालीन जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वाराणसी आए थे. प्राचीन और जीवंत शहर को जापान ने भारत से दोस्ती का एक ऐसा नायाब तोहफा रुद्राक्ष के रूप में दिया था. बिल्डिंग को बेहद इंटेलिजेंट बनाया गया है. खास तौर पर फायर फाइटिंग के लिए इस पर ज्यादा ध्यान दिया गया है.
भारत और जापान की दोस्ती तो जगजाहिर है, लेकिन अब पीएम मोदी के संसदीय वाराणसी में यह दोस्ती इमारत की शक्ल ले चुकी है. जिसे रुद्राक्ष अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं सम्मेलन केंद्र नाम दिया गया है.
इस इमारत की नींव उस वक्त ही पड़ गई थी, जब तत्कालीन जापानी पीएम शिंजो आबे वाराणसी आए थे. जिसपर शिंजो आबे ने दोस्ती की इमारत की इच्छा जाहिर की थी. जिसके बाद जापान के 186 करोड़ रुपयों के सहयोग से पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अब जाकर रुद्राक्ष हाईटेक कन्वेंशन सेंटर बनकर तैयार हो गया.
इसका नाम रुद्राक्ष इसलिए पड़ा क्योंकि इस इमारत का आकार शिवलिंग का है और बिल्डिंग के चारों ओर एल्युमिनियम के 108 बड़े पंचमुखी रुद्राक्ष लगाए गए हैं. अत्याधुनिक कन्वेंशन सेंटर को इंटेलिजेंट बिल्डिंग भी कहा जा सकता है. रुद्राक्ष में आग लगने पर तत्काल अत्याधुनिक तकनीक के फायर फाइटर खुद ही आग को नियंत्रित कर लेंगे.

कन्वेंशन सेंटर में बने कम्पार्टमेंट व वॉटर कर्टेन आग से सुरक्षा प्रदान करेंगे. 186 करोड़ की लागत से 1,200 लोगों की क्षमता वाले रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का उद्धघाटन ज़ल्द होने वाला है. रुद्राक्ष की डिजाइन जापान की कंपनी ओरिएण्टल कंसल्टेंट ग्लोबल ने किया है और निर्माण का काम भी जापान की ही फुजिता कॉपोरेशन नाम की कंपनी ने किया है. यहां बड़े म्यूजिक कॉन्सर्ट, कांफ्रेंस, नाटक हो सकेंगे और प्रदर्शनियां भी लगेंगी.
बिल्डिंग में किसी भी तरह की आग लगने पर कार्यक्रम देख रहे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए इंटरनेशनल फायर स्टैण्डर्ड के मानकों से सुसज्जित किया गया है. बिल्डिंग में आग को रोकने के लिए इसे कई कम्पार्टमेंट में बांटा गया. 450 स्क्वॉयर फीट पर एक स्मोक डिटेक्टर है.
रुद्राक्ष में 199 स्मोक व 53 हीट डिटेक्टर लगे हैं. जो मेन फायर अलार्म एड्रेसेबल पैनल को सूचना देते हैं. जिस कम्पार्टमेंट में आग लगती है,वहां खुद ही वाटर कर्टेन बन जाता है. रुद्राक्ष में 12 वाटर कर्टेन लगे हैं. जो आग को वहीं रोक देते हैं और लोगों को सुरक्षित निकलने का समय मिल जाता है. इसके अलावा फायर डिटेक्ट होते ही स्वतः हाल के दरवाजे खुल जाएंगे. धुआं होते ही स्मोक एजॉस्ट सिस्टम चालू हो जाएगा जिससे धुआं इमारत से बाहर हो जाएगा.

एलिवेटर (लिफ़्ट) तक आग पहुंचने पर लिफ्ट खुद ही बंद हो जाएगी. मोटोराइज्ड फायर डैम्पर सिस्टम लगे होने से सेंट्रलाइज्ड वातानुकूलित का डैम्पर स्वतः ही बंद हो जाएगा, जिससे धुआं नहीं फैलेगा. (दिल्ली के उपहार कांड मे इसी डैम्पर के खुले होने से पूरे हॉल में धुआं फैल गया था और ज़्यादातर मौतें धुएं से दम घुटने से हुई थीं.) कंट्रोल रूम में बैठा व्यक्ति सीसीटीवी कैमरे में पूरी इमारत की स्थिति को देख कर पीए सिस्टम से आवश्यक निर्देश भी दे सकता है.
इसमें एल्युमिनियम के 108 बड़े पंचमुखी रुद्राक्ष लगाए गए हैं. जितना खूबसूरत ये देखने में लग रहा है, उतनी ही इसकी खूबियां भी है. सिगरा नगर निगम के बगल में, तीन एकड़ (13196 स्क्वायर मीटर ) में 186 करोड़ की लागत से बन रहे रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में 120 वाहनों की पार्किंग बेसमेंट में बनाई गई है.
ग्राउंड फ्लोर और प्रथम तल को लेकर हॉल होगा जिसमें वियतनाम से मंगाई गई कुर्सियों पर 1,200 लोग एक साथ बैठ सकते हैं. दिव्यांगजनों के लिए भी दोनों दरवाजों के पास 6-6 व्हील चेयर का इंतज़ाम है. हॉल में बैठने की क्षमता पार्टीशन से कम भी किया जा सकता है. इसके अलावा आधुनिक ग्रीन रूम भी बनाया गया है. 150 लोगो की क्षमता वाला दो कांफ्रेंस हाल और गैलरी भी है जो दुनिया के आधुनिकतम उपकरणों से लैस है. इस हॉल को भी जरूरत के मुताबिक घटाया जा बढ़ाया जा सकता है.

रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के बारे में वाराणसी मंडल के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि इमारत बनकर तैयार हो चुकी है और इसका जल्द ही लोकार्पण होना है. जिसके बाद यहां विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा सकेंगे. फिलहाल भारत के ईस्टर्न हिस्से में मेरे मुताबिक इतना खूबसूरत और अत्याधुनिक कन्वेंशन हॉल नहीं है.
यह न केवल वाराणसी के पर्यटन को नई दिशा देगा और लोगों को रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगा. लगभग तीन साल पहले इसकी नींव रखी गयी थी. लेकिन कोरोना के पहले और दूसरे वेव में काम भी प्रभावित हुआ है. लेकिन अब काम पूरा हो गया है और जल्द ही इसका लोकार्पण होगा. इस अत्याधुनिक बिल्डिंग में कई नए फीचर जैसे स्मार्ट लाइटिंग, सोलर लाइटिंग, वाटर डिस्चार्ज का पूरा अलग सिस्टम है. कई सारी खूबियां हैं.

काशी को यह बिल्डिंग नई पहचान देगी और लोगों को रोजगार भी मिलेगा. काशी के लिए इसलिए भी यह महत्वपूर्ण क्योंकि यहां के संगीत जगह की हस्तियों ने पूरी दुनिया में नाम किया तो एक ऐसी बिल्डिंग जहां विश्व स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए जा सकें. लोग अच्छे माहौल में बैठकर देख सकें. एक प्लेटफार्म उपलब्ध होगा जहां एक्जीबिशन, फेस्टिवल, कॉन्सर्ट, प्लेस और तमाम सांस्कृतिक कार्यक्रम कर सकेंगे. यह ट्रेड के लिए काफी अच्छा साबित होगा. प्रयास है कि अलग अलग इंडस्ट्रीज की होने वाले सभी रीजनल कांफ्रेंस और एक्जीबिशन भी आयोजित हों.