कोरोना संक्रमण के चलते 24 मार्च से चल रहे लॉकडाउन के कारण कई उद्योग-धंधे बंद हो गए. इसके साथ-साथ स्थानीय व्यापार भी चौपट हो गया है. बाजार में सभी दुकानों को खोलने की इजाजत नहीं होने और माल नहीं मिल पाने के कारण लोगों ने व्यवसाय बदल कर जीवन चलाना शुरू कर दिया. मेहनतकश लोगों ने एक धंधा बंद होने पर परिवार पालने के लिए दूसरा धंधा शुरू कर दिया.
लॉकडाउन के चलते सबसे ज्यादा लोगों ने फल और सब्जी बेचने का काम शुरू किया है. आवश्यक वस्तुओं में शामिल फल और सब्जी को लॉकडाउन में भी बेच सकते हैं. इसलिए अब हर गली और मोहल्लों में इसकी भरमार लगी हुई है. बाजार में पुचका, टिकिया, झालमुड़ी, बर्गर बेचने वाले और चाय बेचने वाले भी अब आलू, टमाटर, प्याज, लहसुन जैसी सब्जियां बेच रहे हैं.
कस्बे की सबसे फेमस चाय की दुकान, अब सब्जी की दुकान में तब्दील
फतेहपुर कस्बे में सौदाबाड़ा इलाके में स्थित एक चाय की दुकान पूरे कस्बे में फेमस है. लॉकडाउन के चलते चाय की दुकान बंद हो गई. दुकानदार कई दिनों तक तो दुकान शुरू होने के आस में घर बैठा रहा, उसके बाद जब कहीं से आस नजर नहीं आई तो वह सब्जी बेचने लग गया.
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फेमस चाय की दुकान अब सब्जी की दुकान में तब्दील हो गई. दुकानदार से जब पूछा गया तो उसने कहा कि कब तक घर पर बैठे रहेंगे. अगर दुकान खोलने की इजाजत भी मिल जायेगी तो लोग जल्दी से बाहर नहीं आयेंगे ऐसे में चाय के व्यवसाय से कमाई नहीं हो सकेगी. इसलिए सब्जी बेचना शुरू कर दिया.
लजीज चाट बेचने वाले बेच रहे हैं सब्जियां, ताकि चलता रहे घर
लॉकडाउन के चलते चाट, अन्य खाने का सामान और दूसरे जरूरी सामान बेचने वालों के खासी मुसीबत खड़ी हो गई. लेकिन मेहनतकश लोग हर संभव घर चलाने के प्रयास के साथ लगे हुए हैं. कस्बे में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व बिहार सहित राज्य के कई जिलों से आए हुए लोगों ने अब व्यापार बदलकर अपना पेट पालना शुरू कर दिया है.
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जो लोग आलू टिकिया, पुचका (पानी पुरी) और अन्य सामान बेच रहे थे वो अब सब्जी बेचकर रोजी-रोटी कमा रहे हैं ताकि परिवार चलाने के लिए किसी से कुछ मांगना ना पड़े. जिन ठेलों पर पहले वह लोग चाट बनाकर बेचते थे वहीं अब सब्जी के ठेले निकाल रहे हैं.