बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान अम्फान अब सुपर साइक्लोन में तब्दील हो चुका है. यह अब तेज रफ्तार के साथ पश्चिम बंगाल और ओडिशा की तरफ बढ़ रहा है. मौसम विभाग का अनुमान है कि उफान पर पहुंचकर सुपर साइक्लोन तबाही मचा सकता है. मौसम विभाग का कहना है कि 1999 के बाद यानी 21 साल बाद यह पहली बार है जब बंगाल की खाड़ी में इस तरह का सुपर साइक्लोन उठ रहा है. यह तूफान उत्तर से पूर्वोत्तर की तरफ अपना रुख करेगा और इस दौरान यह काफी तबाही मचा सकता है.
मौसम विभाग के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने मंगलवार शाम आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह तूफान रेल और सड़क परिवहन के लिए ठीक नहीं है. इसलिए हमने इन सेवाओं को रद्द करने की अपील की है. पश्चिम बंगाल में कोलकाता, मिदनापुर और आसपास के अन्य इलाकों में तूफान के दौरान हवा की रफ्तार 110 से 115 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है.
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मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि दक्षिण तटीय ओडिशा में हवा की गति अधिक होगी और बुधवार तक इसकी रफ्तार में और तेजी आएगी. जब चक्रवात दक्षिण ओडिशा में तटीय क्षेत्र के करीब पहुंचेगा तो इसकी रफ्तार 110-125 किमी के बीच रहने की संभावना है.
मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि यह सबसे तीव्र चक्रवात है. यह दूसरा सुपर साइक्लोन है जो 1999 के बाद बंगाल की खाड़ी में बना है. अभी समुद्र में इसकी रफ्तार 200-240 किमी प्रति घंटे है. यह तूफान उत्तर से पूर्वोत्तर की तरफ अपना रुख करेगा.

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वहीं, भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि बंगाल की खाड़ी में बने ताकतवर चक्रवाती तूफान अम्फान से पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय जिलों में भारी नुकसान हो सकता है. अम्फान ओडिशा में 1999 में आए तूफान के बाद यह दूसरा सुपर साइक्लोन है. कहा जाता है कि 1999 के सुपर साइक्लोन ने 9 हजार से अधिक लोगों की जान ले ली थी.
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उन्होंने कहा कि 700 किलोमीटर तक फैले और लगभग 15 किलोमीटर ऊंचाई वाला चक्रवात अम्फान अपने केंद्र में 220 से 230 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से घूम रहा है. जो तेज रफ्तार से उत्तर की ओर बढ़ रहा है, यह ओडिशा के पारादीप से 600 किलोमीटर दक्षिण में, पश्चिम बंगाल के दीघा से 750 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और बांग्लादेश के खेपुरा से करीब 1000 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम में केंद्रित है.