दशकों तक हिंदी सिनेमा जगत का अभिन्न हिस्सा रहीं दिवंगत अभिनेत्री जोहरा सहगल का शुक्रवार सुबह यहां उनके प्रियजनों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार कर दिया गया. हिंदी सिनेमा जगत की प्रतिष्ठित अभिनेत्री का अंतिम संस्कार दयानंद मुक्तिधाम शमशान में किया गया.
उनके बेटे पवन सहगल ने उनके अंतिम संस्कार की विधियां पूरी की, जबकि उनकी बेटी किरण सहगल भी इस दौरान मौजूद थीं. जोहरा को गुरुवार रात दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया. वह 102 साल की थीं. जोहरा की अंतिम इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार विद्युत शवदाह गृह में किया जाए, लेकिन लोदी रोड स्थित विद्युत शवदाह गृह के उपकरण में तकनीकी खराबी आ जाने के कारण उनके परिवार ने पारंपरिक तरीके से उनका अंतिम संस्कार करने का फैसला किया.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय ने मनोरंजन जगत में जोहरा के सात दशकों के योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी. जब जोहरा की चिता को अग्नि दी गई, तो भीड़ में से एक महिला ने चिल्ला कर कहा, जोहरा आपा, लाल सलाम. अमर रहे जोहरा आपा. दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित सबसे पहले जोहरा के अंतिम संस्कार में पहुंची. उन्होंने कहा कि जोहरा का बखान करना बहुत मुश्किल है. वह एक जीवंत और खुशमिजाज शख्सियत थीं. उनके साथ की बहुत सी स्मृतियां हैं, मैं उनसे कई बार मिली थी. मेरे दिल में वह एक बेहद अच्छी इंसान के रूप में मौजूद हैं.
जोहरा के अंतिम संस्कार में गीतकार-लेखक जावेद अख्तर और उनकी पत्नी अभिनेत्री शबाना आजमी, जोहरा के जीवन पर डॉक्यूमेंट्री बनाने वाले रंगमंच निर्देशक एम. के. रैना, अभिनेता रोशन सेठ और प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर सरकार भी शामिल हुए. जोहरा के परिजनों और मित्रों सहित कम से कम 100 लोग उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए.
जोहरा के प्रशंसकों ने कहा कि एक जीवंत और तेज-तर्रार अभिनेत्री के रूप में जोहरा हमेशा हमारे दिल में रहेंगी.