मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लीमीन (एमआईएम) के प्रमुख अकबरुद्दीन ओवेसी की नजर अब अपनी साफ सुथरी छवि पर है. ओवेसी ने कहा कि एमआईएम को मुस्लिम पार्टी कहना गलत होगा. एमआईएम सिर्फ मुस्लिमों की पार्टी नहीं है.
'हिंदुस्तान टाइम्स' में छपे इंटरव्यू के मुताबिक, अकबरुद्दीन ने कहा कि अगर महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों को देखें तो 24 विधानसभा सीटों पर हमारा वोट फीसद करीब 0.96 रहा. इससे यह साबित होता है कि हमें मुस्लिमों के अलावा भी लोगों ने वोट दिया है. यह वोट फीसद करीब 20 हजार वोटों का है. हमने महाराष्ट्र चुनाव में पांच गैर-मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, जिसमें एक दलित उम्मीदवार भी था.
बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि एमआईएम ने मुस्लिमों को चुनाव में लड़ने का मौका दिया लेकिन बीजेपी ने कितने मुस्लिमों को टिकट दिया. ओवेसी ने कहा कि मैं जहां भी जाता हूं, मुस्लिम युवा अपने लिए एक नेतृत्व की मांग करते हैं. मुस्लिमों को विकास और आत्म सम्मान को हासिल करने की जरूरत है. गौरतलब है कि ओवेसी की पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 2 सीटें जीती थी.