उन्नाव रेप से जुड़े सभी केस को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली ट्रांसफर कर दिया है. इस मामले में गुरुवार को दो बार हुई सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सख्ती दिखाई और मामले से संबंधित सभी 5 मामलों को लखनऊ से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया.
केस ट्रांसफर होने का क्या होगा असर?
किसी भी केस के ट्रांसफर होने के बाद पुराने कोर्ट और थाने से उसका संबंध पूरी तरह खत्म हो जाता है. उन्नाव रेप कांड और सड़क हादसा मामले में भी ऐसा ही हुआ है. अब इस मामले की सुनवाई दिल्ली के किसी कोर्ट में होगी. दिल्ली कोर्ट में होने वाली सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट की निगरानी की जाएगी.
सेंगर को दिल्ली किया जा सकता है शिफ्ट!
इसके अलावा मामले के सभी गवाहों को भी दिल्ली की अदालत में पेश होना पड़ेगा. अदालत आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को भी दिल्ली के किसी जेल में ट्रांसफर कर सकती है. क्योंकि सेंगर को बार-बार अदालत में पेश होना पड़ेगा.
मामले के ट्रांसफर हो जाने के बाद स्थानीय प्रशासन इस मामले में किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं कर पाएगा. साथ ही यूपी की कोर्ट और यूपी पुलिस भी इस मामले में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर पाएगी. जानकारी के मुताबिक अगर यह मामला सीबीआई को सौंपा गया है तो इसकी सुनवाई दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में हो सकती है.
सीबीआई करेगी जांच
इस मामले में अदालत ने आदेश दिया है कि पीड़िता के एक्सीडेंट की जांच सीबीआई एक हफ्ते में पूरी करे. गुरुवार को अदालत ने सीबीआई अफसर को पेश होने को कहा, साथ ही पूरी स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा. जिसके बाद सीबीआई अफसर के सामने अदालत ने एक्सीडेंट की जांच को 7 दिनों के अंदर पूरा करने का आदेश दिया.