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केरल: गुलाम अली के कार्यक्रम स्थल पर श‍िवसेना का प्रदर्शन, जलाए PAK के झंडे

आयोजन रद्द करने की मांग करते हुए प्रदर्शनकारियों ने न सिर्फ नारेबाजी की, बल्कि‍ आयोजन स्थल से कुछ दूरी पर पाकिस्तान के झंडे भी जलाए.

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तिरुवनंतपुरम में प्रदर्शन करते शि‍वसेना के कार्यकर्ता
तिरुवनंतपुरम में प्रदर्शन करते शि‍वसेना के कार्यकर्ता

मुंबई में गुलाम अली का शो रद्द करवाने वाली शिवसेना तिरुवनंतपुरम में औधें मुंह गिरी है. पुलिस की सख्ती के आगे पार्टी का विरोध फेल हो गया है. तिरुवनंतपुरम में शुक्रवार शाम आयोजन स्थल के बाहर शि‍वसेना कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन के बावजूद पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली के कार्यक्रम का आयोजन हुआ.

इससे पहले आयोजन रद्द करने की मांग करते हुए प्रदर्शनकारियों ने न सिर्फ नारेबाजी की, बल्कि‍ आयोजन स्थल से कुछ दूरी पर पाकिस्तान के झंडे भी जलाए. जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को आयोजन स्थल से 500 मीटर की दूरी पर ही रोक दिया.

हालांकि, प्रदर्शनकारी लगातार नारेबाजी करते रहे. कार्यकर्ताओं पर काबू पाने के लिए पुलिस ने पानी की बौछार भी की. पठानकोट आतंकी हमले को देखते हुए शिवसेना ने गुलाम अली के केरल में आयोजित होने वाले कार्यक्रम को रद्द करने की मांग की थी.

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गौरतलब है‍ कि शि‍वसेना पठानकोट में आतंकी हमले से पहले भी महाराष्ट्र में गजल गायक के कार्यक्रम का विरोध कर चुकी है. विरोध को देखते हुए लखनऊ, कोलकाता और फिर दिल्ली में आयोजित होने वाले गुलाम अली के कंसर्ट को भी पिछले साल रद्द कर दिया गया था. शिवसेना ने धमकी दी थी कि यदि केरल में गुलाम अली का संगीत कार्यक्रम रद्द नहीं होता है, तो वह राज्य के दोनों आयोजन स्थलों में उनके कार्यक्रम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी.

'स्वरालय' के आमंत्रण पर कार्यक्रम
राज्य की शिवसेना इकाई ने चेतावनी दी थी कि उसके कार्यकर्ता तिरुवनंतपुरम और कोझीकोड जिलों में 15 जनवरी और 17 जनवरी को आयोजित होने वाले संगीत कार्यक्रम स्थलों पर विरोध प्रदर्शन करेंगे. सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन ‘स्वरालय’ के आमंत्रण पर 75 साल के गुलाम अली केरल दौरे पर आ रहे हैं.

'कला नहीं, पाकिस्तान के खिलाफ हैं'
गुलाम अली के कार्यक्रम के विरोध की घोषणा करते हुए शिवसेना की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य पी. अली ने बताया कि पठानकोट स्थित भारतीय वायुसेना बेस में आतंकी हमलों के कारण देश में यह शोक का समय है, न कि समारोह का.

उन्होंने कहा, ‘हम कला के खिलाफ नहीं है, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ हैं. विशेष रूप से पठानकोट वायुसेना स्टेशन में आतंकी हमले में सात सैनिकों के शहीद होने के बाद पाकिस्तानी गायक का कंसर्ट करवाने का क्या मतलब है?’ शिवसेना का कहना है कि वह विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन कर राज्यभर में 15 और 17 जनवरी को विरोध दिवस मनाएगी.

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