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पुतिन ने दी ट्रंप को धमकी- अमेरिकी जहाजों के पास तैनात करेंगे न्यूक्लियर मिसाइल

Putin Trump Missile रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने साफ तौर से अमेरिकी राष्ट्रति ट्रंप को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह यदि यही चाहते हैं तो रूस एक बार फिर क्यूबा संकट दोहराने के लिए तैयार है, यानी क्यूबा तक रूसी मिसाइलों की तैनाती की जाएगी.

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रूसी राष्ट्रपति पुतिन की धमकी (फोटो: रायटर्स)
रूसी राष्ट्रपति पुतिन की धमकी (फोटो: रायटर्स)

रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि वह यदि यही चाहते हैं तो क्यूबा जैसे मिसाइल संकट के लिए तैयार रहें. उन्होंने इसकी भी चेतावनी दी कि अमेरिकी जहाजों और पनडुब्ब‍ियों के पास हाइपरसोनिक न्यूक्लियर मिसाइल तैनात कर देंगे.

गौरतलब है कि साल 1962 में क्यूबा मिसाइल संकट खड़ा हुआ था, जब टर्की में अमेरिकी मिसाइल तैनाती की प्रतिक्रिया में रूस (तत्कालीन सोवियत संघ) ने क्यूबा में बैलिस्टिक मिसाइल तैनात कर दिए थे और इससे दुनिया एक तरह से न्यूक्लियर वार के मुहाने पर खड़ी हो गई थी.

समाचार एजेंसी रायटर्स के अनुसार, इस घटना के पांच दशक के बाद दुनिया में एक बार फिर तनाव बढ़ रहा है. रूस को यह आशंका है कि अमेरिका अब यूरोप में इंटरमीडिएटरी रेंज के न्यूक्लियर मिसाइल की तैनाती कर सकता है, जो कि ऐतिहासिक शीतकालीन शस्त्र नियंत्रण समझौते का उल्लंघन होगा.

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पुतिन ने कहा कि अमेरिका यदि रूस के पास नए मिसाइल तैनात करता है तो रूस कोई भी कदम उठाने को तैयार होगा. रूस अपने मिसाइल अमेरिका के नजदीक तैनात कर सकता है. पुतिन ने इस बारे में और साफ बात करते हुए कहा कि अमेरिका ने यदि यूरोप में इंटरमीडिएटरी रेंज वाले मिसाइल तैनात किए तो अमेरिकी सीमा से बाहर घूमने वाले अमेरिकी जहाजों और पनडुब्ब‍ियों के पास रूस अपने हाइपरसोनिक मिसाइल तैनात कर सकता है.

दूसरी तरफ, अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने पुतिन की पहले ऐसी जारी की गई एक चेतावनी को प्रोपेगंडा बताते हुए कहा था कि यह इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज समझौते के रूस द्वारा उल्लंघन (INF) से ध्यान हटाने की साजिश है. अमेरिकी जानकार इसे घरेलू समस्याओं से जनता का ध्यान भटकाने की पुतिन की कोशिश भी मान रहे हैं.

क्या है इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज ट्रीटी

INF समझौते के तहत रूस और अमेरिका यूरोप में अपने इंटरमीडिएट रेंज मिसाइल तैनात नहीं कर सकते. संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रॉनल्ड रीगन और तत्कालीन सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्वाचोव ने इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर मिसाइलों को समाप्त करने के लिए 8 दिसंबर, 1987 को संधि की थी. इसके तहत दोनों देशों को अपनी कुछ मिसाइलों को नष्ट करके उनकी संख्या निश्चित करनी थी. बताया जाता है कि इस संधि के बाद 1991 तक करीब 2700 मिसाइलों को नष्ट किया गया था.

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पुतिन इसके पहले भी अमेरिका को कई बार चेतावनी दे चुके हैं. दिसंबर, 2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बयान पर रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि अमेरिका प्रतिबंधित मिसाइलों को विकसित करता है तो रूस भी ऐसा ही करेगा. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने नाटो की एक बैठक में घोषणा की थी कि अमेरिका रूसी धोखाधड़ी के कारण 60 दिनों में इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज ट्रीटी (आईएनएफ) के तहत अपने दायित्वों को छोड़ेगा.

तब भी पुतिन ने कहा था, 'अमेरिकी सहयोगियों का मानना है कि स्थिति इतनी बदल गई है कि अमेरिका के पास इस प्रकार के हथियार होने चाहिए. हमारी प्रतिक्रिया क्या होगी? एक बहुत ही सरल, उस मामले में, हम भी वही करेंगे.'

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