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लोगों को पसंद आया पैन को आधार से लिंक करना, पर डाटा लीक होने से चिंतित

पैन कार्ड और आधार कार्ड को जोड़ने से बड़ी मात्रा में जो निजी ब्योरे लीक हो रहे है.इस बात की गहराई तक जाने के लिए दो सर्वेक्षण किए गए.

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पैन और आधारकार्ड को जोड़ने से हो रहा है निजी ब्योरा लीक
पैन और आधारकार्ड को जोड़ने से हो रहा है निजी ब्योरा लीक

पैन और आधार कार्ड को जोड़ने के सरकार के कदम को बड़ी संख्या में लोगों ने पसंद किया है. साथ ही एक बड़ी समस्या भी सामने आई है. पैन कार्ड और आधार कार्ड को जोड़ने से बड़ी मात्रा में निजी ब्योरे के लीक होने की बात सामने आई है. डाटा के दुरूपयोग कर लिये जाने की चिंता सता रही है.

इस बात की गहराई तक जाने के लिए दो सर्वेक्षण किए गए. जिनमें अलग-अलग बात सामने आई है. पहला सर्वेक्षण ऑनलाइन मंच लोकल सर्कल्स द्वारा किया गया. जिसमें पाया गया कि करीब दो तिहाई लोगों को अपना आधार कार्ड बनवाने की वर्तमान प्रक्रिया के दौरान उनका डाटा लीक होने का अंदेशा है. साथ ही बैंकों एवं दूरसंचार संचालकों की आधार कार्ड तक पहुंच होने के कारण उसके ब्योरे के लीक होने की सम्भावना है. लोकल सर्किल्स के इस सर्वेक्षण में 10,729 में शामिल हुए.

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दूसरे सर्वेक्षण में 70 फीसदी लोगों ने अनुपालन स्तर बढ़ाने के लिए आधार को पैन से जोड़ने के सरकार के कदम का समर्थन किया. करीब 27 फीसदी लोगों ने इसका विरोध किया जबकि तीन फीसदी ने केाई राय नहीं व्यक्त की. यह सर्वेक्षण 9,847 पर किया गया.

वित्त अधिनियम, 2017 में करदाताओं के लिए पैन को आधार से जोड़ना अनिवार्य बनाया है. सरकार ने पैन के लिए आवेदन देने के लिए आधार होना अनिवार्य बना दिया है.

यह एक जुलाई, 2017 से लागू होगा. ऐसा करने से सब्सिडी लक्षित वर्ग तक पहुंच रही है. साथ ही आयकर विभाग लाभार्थी और आयग्रुप में लिंक की पुष्टि कर सकता है. सरकार का मानना है कि कर चोरी पर रोक लगाने तथा कालेधन पर निगरानी के लिए आधार बहुत ही प्रभावी उपाय है.

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