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गुजरात में लड़की की जासूसी के मामले की जांच के लिए अभी तक नहीं हो सकी न्यायाधीश की खोज

गुजरात में एक लड़की की जासूसी कराने की घटना की जांच की घोषणा के एक माह बाद सरकार अभी तक आरोपों की जांच करने वाले न्यायिक आयोग की अध्यक्षता करने के लिए किसी अवकाशप्राप्त न्यायाधीश का नाम तय नहीं कर पाई है. गुजरात के मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री पद के बीजेपी के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी इस मामले में कथित रूप से जुड़े हैं.

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अमित शाह
अमित शाह

गुजरात में एक लड़की की जासूसी कराने की घटना की जांच की घोषणा के एक माह बाद सरकार अभी तक आरोपों की जांच करने वाले न्यायिक आयोग की अध्यक्षता करने के लिए किसी अवकाशप्राप्त न्यायाधीश का नाम तय नहीं कर पाई है. गुजरात के मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री पद के बीजेपी के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी इस मामले में कथित रूप से जुड़े हैं.

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सरकार ने इस सिलसिले में कुछ न्यायाधीशों से संपर्क किया था, लेकिन सभी लोगों ने कथित रूप से इसे 'अत्यंत राजनीतिक' बताते हुए पेशकश स्वीकार करने से मना कर दिया. सूत्रों ने बताया कि मोदी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं और लोकसभा चुनाव सिर पर हैं, ऐसे में सरकार आरोपों की जांच की अध्यक्षता करने की रजामंदी जताने वाला कोई न्यायाधीश नहीं पा सकी है.

केन्द्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने इससे इनकार किया है कि जांच की अध्यक्षता करने पर रजामंदी जताने वाला कोई न्यायाधीश नहीं है, लेकिन साथ ही कहा कि अवकाशप्राप्त न्यायाधीश के नाम की घोषणा में कुछ समस्या हैं. शिंदे ने 10 जनवरी को घोषणा की थी कि न्यायिक आयोग की अध्यक्षता के लिए किसी न्यायाधीश के नाम की घोषणा एक-दो दिन में कर दी जाएगी, लेकिन इस घोषणा के नौ दिन बाद भी किसी न्यायाधीश के नाम की घोषणा नहीं हुई है.

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सरकार ने 26 दिसंबर को कथित रूप से मोदी की तरफ से एक महिला की जासूसी कराने के मामले की जांच के लिए जांच आयोग के गठन की घोषण की थी. केन्द्रीय कैबिनेट ने जांच आयोग अधिनियम की धारा 3 के तहत यह फैसला किया था, जो केन्द्र को इस तरह के आयोग के गठन की शक्ति प्रदान करती है.

इस आयोग की अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के किसी अवकाशप्राप्त न्यायाधीश को करनी है. माना जाता है कि आयोग तीन महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेगा.

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