सूफ़ी गायक कैलाश खेर की आवाज़ की ख़ासियत है एक ठेठ देसी अंदाज़ जो सीधा रूह में उतर जाता है. बचपन से पिता को लोकगीत गाते देख-देखकर कैलाश खेर बड़े हुए और ख़ुद 12 साल की उम्र से क्लासिकल संगीत सीखना शुरू कर दिया. पाकिस्तान के महान सूफ़ी गायक नुसरत फतेह अली खान से कैलाश खेर बेहद प्रभावित रहे. कैलाश खेर ने बॉलीवुड की फ़िल्मों में अपनी धाक जमाई और कई सुपरहिट गाने गाए. अपने बैंड कैलासा के लिए गाए गाने 'तेरी दीवानी' ने कामयाबी के कई रिकॉर्ड कायम किए.