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उद्योगपति के के बिड़ला का निधन

देश के नामी उद्योगपति और भूतपूर्व राज्‍य सभा सांसद के के बिड़ला का आज सुबह कोलकाता स्थित उनके निवास पर निधान हो गया. वे 90 वर्ष के थे. परिवार के सदस्‍यों के मुताबिक बिड़ला पिछले दो हफ्तों से बीमार चल रहे थे

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देश के नामी उद्योगपति और भूतपूर्व राज्‍य सभा सांसद के के बिड़ला का आज सुबह कोलकाता स्थित उनके निवास पर निधान हो गया. वे 90 वर्ष के थे. हिंदुस्‍तान टाइम्‍स और बिड़ला ग्रुप के कई उद्योगों के अध्‍यक्ष बिड़ला के परिवार में उनकी तीन पुत्रियां नंदिनी नुपानी, शोभना भरतिया और ज्‍योति पोतदार हैं. शोभना भरतिया हिंदुस्‍तान टाइम्‍स की उपाध्‍यक्ष और संपादकीय सलाहाकार हैं.परिवार के सदस्‍यों के मुताबिक बिड़ला पिछले दो हफ्तों से बीमार चल रहे थे. उनकी पत्‍नी मनोरमा देवी का पिछले महीने ही निधन हो गया था.

घनश्‍याम दास बिड़ला के पुत्र  कृष्‍ण कुमार बिड़ला का जन्‍म राजस्‍थान के पिलानी में 12 अक्‍टूबर 1918 को हुआ था. बिड़ला भारतीय चीनी उद्योग के संस्‍थापकों में से एक थे. जिससे वे 1940 में जुड़े. बिड़ला ने भारत के एक बड़े औद्योगिक साम्राज्‍य की स्‍थापना की. उनका यह साम्राज्‍य चीनी, ऊर्वरक, रसायन, भारी इंजीनियरिंग, कपड़ा उद्योग, जहाजरानी और अखबार उद्योग तक फै‍ला था. 

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के के बिड़ला उद्योगपति के अलावा एक सम्‍मानित सांसद, समाजसेवक, जन हितैषी और विद्वान व्‍यक्ति थे. वह लगातार 18 सालों तक राज्‍य सभा के सांसद रहे. 1961 में वह कलकत्‍ता के शेरिफ चुने गए और 1997 में पॉन्‍डीचेरी विश्‍वविद्यालय ने उन्‍हें डॉक्‍टर ऑफ लेटर से सम्‍मनित किया. बिड़ला चीनी उद्योग, फिक्‍की और आईसीसी जैसे कई औद्योगिक संगठनों के अध्‍यक्ष भी रह चुके हैं. उन्‍होंने के के बिड़ला फाउंडेशन की स्‍थापना की जो भारतीय साहित्‍य, वैज्ञानिक अनुसंधान और भारतीय दर्शनशास्त्र में उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन के लिए सालाना पुरस्‍कार प्रदान करता है.

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