मुम्बई जैसी मेट्रो सिटी मे भी पंचायतों का फरमान चलता है. मुम्बई की गुजराती मेघवाल पंचायत ने एक ही गोत्र में ब्याह रचानेवाले युवक-युवती को समाज से बाहर कर दिया है.
2008 में जारी पंचायत के फरमान के तहत एक ही सरनेम और एक ही गोत्र के लड़के-लड़कियों का आपस मे भाई-बहन का ऱिश्ता होगा और इस फरमान को तोड़कर शादी करनेवाले गुनाहगार माने जाएंगे. इसके ताजा शिकार बने हैं 10 साल से शादीशुदा किरिट बारिया और चंद्रिका बारिया. बरसों बाद गुजराती मेघवाल पंचायत ने उनकी शादी अवैध करार देकर उन्हें भाई-बहन बना दिया है.
दरअसल, किरीट के पिता ने पंचायत में शिकायत कर दी, तो पंचायत हरकत में आ गई. पंचायत का आतंक ऐसा है कि उसके फरमान के बाद किरीट और चंद्रिका का जीना मुहाल हो रहा है. उनके तीन बच्चे भी बड़े हो चुके हैं. लेकिन खुद कानून से ऊपर माननेवाले पंचायत के दबंग रहम करने को तैयार नहीं.