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कोटा के भीतर कोटा... केंद्र से अलग रुख अपनाने को क्यों मजबूर हैं PM मोदी के 'हनुमान'?

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत के अभी तीन महीने में भी नहीं हुए हैं और पीएम मोदी के हनुमान चिराग पासवान ने तीसरी बार केंद्र से अलग लाइन ले ली है. कोटा के भीतर कोटा के विरोध में भारत बंद का चिराग की पार्टी समर्थन कर रही है. मोदी के हनुमान केंद्र से अलग रुख अपनाने को क्यों मजबूर हैं?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चिराग पासवान (फाइल फोटोः PTI)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चिराग पासवान (फाइल फोटोः PTI)

अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए कोटा के भीतर कोटा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सियासी उबाल है. दलित संगठनों के साथ ही विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक की पार्टियों ने इसके विरोध में 21 अगस्त को भारत बंद बुलाया है. विपक्षी दलों और दलित संगठनों की ओर से बुलाए बंद का केंद्र के सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) भी समर्थन कर रही है. खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान बताते रहे केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और उनकी पार्टी कोटा के भीतर कोटा पर विपक्ष के साथ खड़े नजर आ रहे हैं.

चिराग ने जब गठबंधन में रहते हुए भी बिहार चुनाव के समय नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल (यूनाइटेड) के खिलाफ उम्मीदवार उतारे, बीजेपी उम्मीदवारों का हर सीट पर समर्थन किया. चिराग ने बीजेपी और उसके नेताओं को लेकर कुछ भी बोलने से तब भी परहेज किया जब नीतीश कुमार की जिद की वजह से उनकी पार्टी अघोषित तरीके से गठबंधन से बाहर कर दी गई, पिता की बनाई पार्टी से ही चाचा पशुपति पारस ने बेदखल कर दिया और मोदी सरकार में मंत्री बन गए. फिर अब ऐसा क्या है कि मोदी के हनुमान चिराग केंद्र से अलग रुख अपनाने को मजबूर हैं?

एक महीने में तीसरी बार...

चिराग पासवान और उनकी पार्टी एक महीने में तीसरी बार केंद्र से अलग लाइन पर खड़ी है. चिराग ने अगस्त महीने की शुरुआत में कोटा के भीतर कोटा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध किया था. बिहार की ही हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया था. मांझी भी मुसहर बिरादरी से आते हैं जो महादलित वर्ग में आती है. चिराग लेटरल एंट्री के जरिये केंद्र सरकार में जॉइंट सेक्रेटरी, सेक्रेटरी और निदेशक लेवल के 45 रिक्त पद भरने के लिए यूपीएससी के विज्ञापन का भी विरोध कर रहे थे जिसे रद्द करने के लिए सरकार की ओर से एक दिन पहले ही आयोग को पत्र लिखा गया था.

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चिराग और उनकी पार्टी पर अब कोटा के भीतर कोटा के खिलाफ भारत बंद का समर्थन कर रही है. चिराग पासवान ने कहा है कि एससी-एसटी के लिए आरक्षण की वजह सामाजिक-आर्थिक पिछड़ापन वजह नहीं है. इसकी पृष्ठभूमि में छुआछूत जैसी कुप्रथा है. उनका कहना है कि जब तक समाज में अनुसूचित जाति और जनजाति को लेकर छुआछूत जैसी प्रथा है, तब तक एससी-एसटी के लिए सब-कैटेगरी में आरक्षण और क्रीमीलेयर जैसे प्रावधान नहीं किए जाने चाहिए. 

केंद्र से अलग लाइन पर क्यों?

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत के अभी तीन महीने भी नहीं हुए हैं और चिराग ने तीन बार केंद्र से अलग लाइन ले ली है. हालांकि, वह बीजेपी या पीएम मोदी को टार्गेट करने से परहेज करने के अपने फॉर्मूले पर भी कायम हैं. चिराग बार-बार केंद्र से अलग लाइन क्यों ले रहे हैं? इस पर बिहार के वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश अश्क ने कहा कि दो वजहें हैं- सामाजिक और राजनीतिक.

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उन्होंने कहा कि बिहार की सियासत में जाति बड़ा फैक्टर रहा है और आरक्षण दलित जातियों के लिए भावनात्मक मुद्दा है. दलित-महादलित वर्गीकरण से चिराग की पार्टी का वोट बेस पासवान बिरादरी तक सिमटकर रह गया है. ऐसे में उनको डर है कि अगर कोटा के भीतर कोटा का समर्थन किया तो ये वोटर भी उनके हाथ से छिटक न जाए. नीतीश कुमार की पार्टी की एनडीए में वापसी के पहले चिराग की पार्टी बिहार में एनडीए का दूसरा सबसे बड़ा घटक थी. नीतीश की जो पॉलिटिकल स्टाइल है, उसमें उनकी बढ़ी बार्गेन पावर भी चिराग के लिए चिंता का विषय है. लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद चिराग अब बीजेपी के लिए यस मैन वाली अपनी इमेज बदलने की कोशिश में जुटे नजर आ रहे हैं.

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कोटा के भीतर कोटा पर क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने एक अगस्त को अपने फैसले में कहा था कि राज्य सरकार अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों में सब कैटेगरी बना सकती है. सात जजों की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि इससे मूल और जरूरतमंद कैटेगरी को आरक्षण का अधिक फायदा मिलेगा. कोटा के भीतर कोटा तर्कसंगत आधार पर होगा. राज्यों की गतिविधियां न्यायिक समीक्षा के अधीन होंगी. सर्वोच्च न्यायालय ने साथ ही 2004 में ईवी चिन्नैया मामले में पांच जजों की बेंच के फैसले को पलट दिया था जिसने कहा था कि एसी/एसटी जनजातियों में सब कैटेगरी नहीं बनाई जा सकती.

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