कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजनीति से अपने संन्यास की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा है कि ना वो कभी रिटायर हुई थीं और ना कभी होंगी. कांग्रेस नेता अलका लांबा ने यह जानकारी दी है.
अलका लांबा ने कहा है कि उनकी सोनिया गांधी से इस मुद्दे पर उनकी बात हुई. अलका ने कहा, 'मैंने मीडिया में आ रही मैडम की रिटायरमेंट से जुड़ी खबरों के बारे में उन्हें बताया, उन्होंने हंसते हुए कहा कि मैं कभी रिटायर नहीं हुई थी और आगे भी कभी नहीं होऊंगी.'
भावुक भाषण के बाद लगने लगे थे कयास
सोनिया गांधी का यह स्टेटमेंट इसलिए आया है, क्योंकि रायपुर में दिए गए उनके भावुक भाषण के बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि सोनिया अब राजनीति से संन्यास ले सकती हैं. इन अटकलों पर रोक लगाने के लिए ही उनका बयान आया है. दरअसल, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस का 85वां अधिवेशन चल रहा है.
अधिवेशन में प्ले किया गया था वीडियो
रायपुर में कार्यक्रम के दौरान पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भाषण देते वक्त भावुक हो गईं थीं. सोनिया गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए सहयोगियों को धन्यवाद कहा था. इस दौरान बतौर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सफर और पार्टी के लिए योगदान को दर्शाता एक वीडियो भी प्ले किया गया था.
याद की मनमोहन सिंह के नेतृत्व में मिली जीत
सोनिया गांधी ने इस वीडियो के बाद भावुक संबोधन देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष और यूपीए शासन के समय के अपने कार्यकाल को लेकर कही गई बातों के लिए सभी का धन्यवाद किया था. उन्होंने ये भी कहा कि साल 1998 में कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने के बाद से अब तक 25 साल में हमने बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं और निराशा का समय भी देखा. सोनिया गांधी ने 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में मिली जीत को बड़ी उपलब्धि बताया था.
भाषण में की थी भारत जोड़ो यात्रा की तारीफ
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा था कि इससे मुझे व्यक्तिगत संतोष मिलता है, लेकिन जो बात मेरे लिए सबसे अधिक संतोषजनक है, वो ये कि मेरी पारी भारत जोड़ो यात्रा के साथ समाप्त हो सकती है, जो एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर आई है. सोनिया गांधी ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की भी तारीफ की थी और इसके लिए उन्हें बधाई भी दी थी.
खड़गे के नेतृत्व में कामयाब होने का भरोसा
सोनिया गांधी ने अपने संबोधन के दौरान राहुल गांधी के लिए कहा था कि मुश्किल यात्रा को राहुल गांधी ने मुमकिन कर दिया. उन्होंने कार्यकर्ताओं को कांग्रेस की ताकत बताया और कहा कि पार्टी देश हित के लिए लड़ेगी. सोनिया गांधी ने निजी हितों को किनारे रखकर अनुशासन के साथ काम करने का मंत्र दिया था. उन्होंने ये भी कहा था कि मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में हम जरूर कामयाब होंगे.